चरित्र-आचरण 
Character and Conduct



कोई कितना ही महान क्यों न हो, उसके पीछे अंधे होकर न चलें।

स्वामी विवेकानंद


खेल में सदा हम ईमानदारी का पल्ला पकड़कर चलते हैं, पर अफसोस कि कर्म में इस ओर ध्यान तक नहीं देते।

रस्किन Ruskin Ruskin


तम सच्ची दिशा में काम करो, बस इतना ही काफी है।

इमर्सन


जिस क्षण हम कोई पाप करते हैं, उसी क्षण दंड के बीज भी बो देते हैं।

हैसियड


जहां पवित्रता है, वहां निर्भयता हो सकती है।

महात्मा गांधी


तुम्हारी इच्छाएं तुम पर हावी हों, इससे बेहतर है कि तुम उन पर हावी हो।

टाइरियस मैक्सीयस


भाषा मानव मस्तिष्क का अस्त्रागार हैं, इसमें अतीत के विजयचिह भी है और भावी विजयों के अस्त्र भी।

एच. डेली


मनुष्य जिस समय पशु तुल्य आचरण करता है उस समय वह पशुओं से भी नीचे गिर जाता है।

रवींद्रनाथ ठाकुर


बड़ों की समता हम अत्यंत विनीत होकर ही कर पाते हैं।

रवींद्रनाथ ठाकुर


यद्यपि शत्रु से प्रेम करने के लिए आप बाध्य है, पर शत्रु के हाथ में तलवार दे देने के लिए आप बाध्य नहीं हैं।

डॉ. टॉमस फुलर