चरित्र-आचरण
Character and Conduct
जो बातें विचार पर छोड़ दी जाती हैं, वे कभी पूरी नहीं होतीं।
हरिभाऊ
मनुष्य जब एक बार पाप के नागपाश में फंसता है तब वह उसी में और लिपटता जाता है, उसी के गाढे आलिंगन में सुखी होने लगता है। पापों की श्रृंखला बन जाती है। उसी के नएनए रूपों पर आसक्त होना पड़ता है।
अज्ञात
जो आदमी कोई गलती नहीं कर पाता, वह आमतौर पर कुछ नहीं भी नहीं कर पाता।
जान पर्सा
मौन बातचीत की एक महान कला है।
हैजलिट
जो अपने को बुद्धिमान समझता है, वह बड़ा बेवकूफ है।
वाल्टेयर
बातचीत का पहला अंश है सत्य, द्वितीय सुंदर समझबूझ, तृतीय सुंदर विनोद और चतुर्थ वाक्चातुर्य।
सर डब्ल्यू टेमिनल
जो मनुष्य तौलकर बात नहीं करता है, उसे कठोर बातें सुननी पड़ती है।
साही
विचार का चिराग बुझ जाने पर आचार अंधा हो जाता है।
विनोबा भावे
अंधानुकरण से आत्मविश्वास के बजाय आत्मसंकोच ही पैदा होता है।
महर्षि अरविंद
दुनिया में हर आदमी विजयी नहीं हो सकता। विजयी वही होता है जो विजयी होने का साहस रखता है।
जवाहरलाल नेहरू
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