चरित्र-आचरण
Character and Conduct
अनसूया, क्षमा, शांति, संतोष, प्रिय वाणी तथा काम क्रोध का त्याग ये श्रेष्ठ आचरण के लक्षण हैं।
वाल्मीकि
प्रार्थना आत्मशुद्धि का साधन है। यह विनम्रता को आमंत्रण देती है।
महात्मा गांधी
बुरे आचरण वाली माता भी शत्रु होती है।
चाणक्य
संतोष से बढ़कर कोई सुख नहीं।
चाणक्य
अपने शत्रु से भी प्रेम करो।
ईसा मसीह
स्पष्ट कहने वाला छली नहीं होता।
चाणक्य
चरित्र वृक्ष है और प्रतिष्ठा छाया।
लिंकन
क्रोध आए तो मुंह बंद रखें ताकि क्रोध को बढ़ने का अवसर ही न मिले।
स्वेट मार्डेन
क्रोध को अक्रोध से जीते, दुष्ट को भलाई से जीतें, कृपण को दान से जीतें और झूठ बोलने वाले को सत्य से जीते।
धम्मपद
अगर हम गिरते हैं तो अच्छी तरह चलने का रहस्य सीख जाते हैं।
महर्षि अरविंद
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