चरित्र-आचरण
Character and Conduct



बोलो मत, करके दिखाओ; घोषित मत करो, महसूस करो।

महर्षि अरविंद


हमारी इच्छाएं जितनी ही कम हों, उतने ही हम देवताओं के समीप हैं।

सुकरात


चरित्र दो वस्तुओं से बनता है, अपनी विचारधारा से और समय बिताने के ढंग से।

हर्बर्ट


एक छोटेसे परिहास से भी मानव के असली चरित्र पर काफी प्रकाश पड़ता है।

प्लूटार्क


चरित्र एक ऐसा हीरा है जो अन्य सभी पाषाणखंडों को काट देता है।

वाल्टेयर


अच्छी दवा चाहे वह कड़वी ही क्यों न हो, रोग को दूर कर देती है। सहृदयतापूर्ण सलाह चाहे वह कटु ही क्यों न हो, हमारा पथप्रदर्शन करती

लुई फिशर


पानी पीने में पात्र का विचार रखा जा सकता है, पानी पीना ही बंद कर दिया जाए, यह नहीं हो सकता।

सर्वदानंद


किसी के हृदय पर पूर्ण विजय करनी हो तो उसके दुःख के दिनों में । उसकी सहायता करनी चाहिए।

आनंद कुमार


एक आदर्श संन्यासी होने की अपेक्षा एक आदर्श गृहस्थ होना अधिक कठिन है।

स्वामी विवेकानंद


मनुष्य अकेले अकेले काम करके संतोष और हर्ष को तो प्राप्त कर सकता है परंतु काम से आनंद तभी हाथ लग सकता है जब उसको दूसरों के सहयोग से किया जाए।

वृंदावनलाल वर्मा