सूचना-लेखन 

Suchna Lekhan



सूचना का सबंध किसी संस्था या समूह से होता है। यह समह कोई सरकारी या गैर-सरकारी संस्थान हो सकता है। अपने सस्थान के सभी या कुछ सदस्यों के लिए कोई जानकारी देना सूचना-लेखन कहलाता हा वसूचना सकती हैं। जैसे-

किसी कार्यक्रम की सूचना 

किसी नियुक्ति की सूचना 

किसी नए परिवर्तन की सूचना 

छुट्टी, परीक्षा, पिकनिक, सांस्कृतिक कार्यक्रम, खेल-दिवस आदि की सूचना 

किसी नए नियम की सूचना आदि।


लिखने की विधि

सूचना-लेखन संस्था के आधिकारिक पत्र पर होता है। उसमें संस्था का नाम सबसे ऊपर लिखा होता है। यदि खाली कागज़ पर सूचना लिखनी पड़े तो उसमें सबसे ऊपर संस्था के कार्यालय या संस्था का नाम लिखा जाता है। इससे सबको पता चलता है कि वह सूचना किस विभाग से संबंधित है। जैसे-

सरस्वती पब्लिक स्कूल, हरि नगर, दिल्ली इसके बाद पृष्ठ के बीचोंबीच सूचना का कोई शीर्षक देना होता है। यह शीर्षक अनेक प्रकार का हो सकता है। जैसे-

• खेल उत्सव • क्रिकेट मैच • गीत समारोह • स्वतंत्रता दिवस • विदाई समारोह • स्काउट्स • होम गार्ड

• विद्यालय पत्रिका 'बाल-स्वर' 

इसके बाद नीचे मोटे अक्षरों में लिखा होता है ।

सूचना 

इसके बाद मुख्य सूचना एक अनुच्छेद में लिखी जाती है। 

सूचना में न तो किसी प्रकार का संबोधन होता है और न ही अभिवादन। सूचना सभी के लिए होती है। इसलिए लिखने वाला भी उस सूचना को अपनी ओर से नहीं, बल्कि किसी संस्था, समाज या क्लब के पदाधिकारी की ओर से लिखता है।

प्रायः सूचना सीधे ही शुरू कर दी जाती है। इस कारण सूचना की भाषा में निम्नलिखित गुण होते हैं-

सूचना अन्यपुरुष में लिखी जाती है। सर्वनामों या नामों का प्रयोग न तो लिखने वाला करता है, न ही सूचना पाने वालों के लिए होता है।

सूचना में अधिक विस्तार नहीं होता। लगभग 50 शब्दों में स्पष्ट सूचना दी जाती है।

अंत में सूचना लिखने वाले पदाधिकारी के हस्ताक्षर और नाम-पद आदि का उल्लेख होता है।