ज्ञान
Knowledge
ज्ञान युवकों को संयमी बनाता है, बूढ़ों को सुविधा प्रदान करता है। वह निर्धनों के लिए संपत्ति और धनिकों के लिए आभूषण के समान है।
अज्ञात
जिस प्रकार लकड़ी के दो टकडों के लगातार घर्षण से अग्नि प्रज्वलित हो। उठती है उसी प्रकार लगातार ध्यान द्वारा ज्ञानाग्नि उद्दीप्त हो जाती है। जो अज्ञानरूपी ईंधन को पूर्णतया भस्म कर देती है।
आदि शंकराचार्य
मन जब दर्पण की भांति निर्मल हो आता है तब उसमें ज्ञान प्रकट होता है, अतः मन को शुद्ध करने का प्रयत्न करना चाहिए।
आदि शंकराचार्य
अज्ञानता ही मोह और स्वार्थ की जननी है, अतः अज्ञानी ही दुष्ट है।
महात्मा गांधी
जो मनुष्य परमात्मा का ज्ञान प्राप्त कर लेता है, वह परमात्मा का ही स्वरूप बन जाता है और इस तरह से सिद्ध है कि गुरु के आसन पर मनुष्य नहीं, अपितु परमात्मा स्वयं आसीन रहते हैं।
निराला
अज्ञान के समान दूसरा वैरी नहीं है।
चाणक्य
जिज्ञासा कुशाग्र बुद्धि का एक स्थायी व निश्चित गुण है।।
सेमुअल जॉनसन
बड़पन सिर्फ उम्र में नहीं, उम्र के कारण मिले ज्ञान और चतुराई में भी है।
महात्मा गांधी
प्रकाश के आगमन पर अंधेरा चला जाता है। ऐसे ही ज्ञान के आगमन पर जीवन में जो भी कलुषित है, वह जाता है और तब जो शेष रह जाता। है वह संन्यास है।
आचार्य रजनीश
ईश्वर ने बुद्धि की कोई सीमा निश्चित नहीं की है।
बेकन
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