दया धर्म का मूल है
Daya Dharam ka Mool Hai
विचार-बिन्दु-
1 तुलसी का दोहा-दया धर्म का मूल है, पाप मूल अभिमान
2 संसार के हर धर्म में दया और करुणा पर बल
3 परोपकार की भावना ही सबसे बड़ी मनुष्यता
4 कुछ दयालु महापुरुषों के उदाहरण
5 उपसंहार (सामाजिक कर्तव्यों में दया का सर्वोत्तम स्थान)।
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