हिंदी निबंध - वेलेंटाइन डे 
Valentine's Day


कहा जाता है कि मानव उत्सव प्रिय होता है। महाकवि कालिदास ने एक स्थान पर लिखा भी है: उत्सवप्रिय मानवा। वेलेंटाइन डे भी इसी प्रकार का एक उत्सव है, एक त्योहार है। वलेंटाइन डे की तारीख 14 फरवरी तय की गई है। वेलेंटाइन डे आज अंग्रेजी सभ्यता का प्रतीक अवश्य माना जाने लगा है पर अगर इसका इतिहास खंगाला जाए तो भारतीय संस्कृति में यह त्योहार मनाने के चिह्न प्राप्त हो जाएंगे। महाकवि कालिदास के अभिज्ञान शांकुतलम् से हिंदी संस्कृत के ही नहीं अन्य भाषाओं के युवा भी परिचित होंगे। अभिज्ञान शांकुतलम् के प्रथम अंक में वसंतक अपने सहयोगी पात्र से कहता है कि हे प्रिय! वसंत का सुहावना अवसर आ गया है। इसलिए ऐसे गीत का गायन किया जाए जो मन को आनंद प्रदान करने वाला हो। तब वसंत का स्वागत करते हुए उसका वर्णन करते हुए नटी नृत्य करती है और वसंत का गुणगान करती है। वसंत प्रेम का प्रतीक है। युवाओं के मन इस ऋतु में खिल उठते हैं और वे एक-दूसरे को अपने प्रेम का इजहार करते हैं। चौदह फरवरी के दिन भी युवा व युवतियाँ अपने-अपने प्रेमी को अपनी प्रेमभावनाओं का इजहार करते हैं। एक दूसरे को अभिनंनदन पत्र देते हैं। इस दिन बाजार भी विभिन्न बहुरंगी ग्रीटिंग कार्ड से सज जाते हैं। फेस बुक और व्हट्सअप पर प्रेमी-प्रेमिका एक-दूसरे को प्रेममय संदेश और दीर्घजीवन की शुभकामनाएं देते हैं। हालाँकि भारतीय संस्कृति के तथाकथित कुछ समूह वेलेंटाइन-डे का विरोध भी करते हैं. कई स्थानों पर मार धाड़ भी देखी जाता है जाना चाहिए। जब तक वेलेटाइन डे में कोई बदतमीजी न हो तब तक युवा युवतियों को अपने प्रेम का इस दिन इजहार करने देना चाहिए।