भारतीय किसान
Bharatiya Kisan
भारत एक उपजाऊ तथा सम्पन्न देश है। यहाँ सालभर में विभिन्न प्रदेशों में तरह-तरह की फसलें उगाई जाती हैं। खेतीबाड़ी भारतीय लोगों का मुख्य पेशा है। भारत की पूरी अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित है। इसलिये देश की प्रगति में किसानों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। किसान हमारे लिये फल, तरकारी, चावल, गेहूँ तथा अन्य अनाज उगाते हैं तथा इनके बिना हम जीवित नहीं रह सकते। किसान अत्यंत परिश्रमी लोग होते हैं। वे दिन रात मेहनत करके अपने खेतों में फसल उगाते हैं तथा हमारे जीवन का आधार तैयार करते हैं। वे अपने खेतों को जोतते हैं, उनमें अनाज बोते हैं। समय-समय पर अपने खेतों की सिंचाई, निराई, गुड़ाई करते हैं। किसान सुबह से ही अपने खेतों में चले जाते हैं। देर दोपहर तक खेतों पर काम करते हैं फिर वे भोजन करते तथा थोड़ा आराम करते हैं। शाम के समय ही अपने घर वापस आते हैं।
बैल, गाय, भैंस, भेड़, बकरी, किसानों के मुख्य पालतू पशु हैं। वे इनसे दूध, खाद प्राप्त करते हैं तथा बैलों से हल चलवाते हैं। ये पशु उनका सबसे बड़ा धन होते हैं।
किसानों का जीवन अत्यंत सादा होता है। ये सादा सूती या खादी वस्त्र ही पहनते हैं। धोती, कुर्ता, पाजामा तथा सिर पर टोपी या पगड़ी उनकी मुख्य पोशाक होती हैं।
किन्तु किसानों की दशा सदैव से अत्यंत दयनीय रही है। उनका पूरा जीवन गरीबी में गुजर जाता है। उनके साथ अनेक समस्यायें होती हैं। ये निरक्षर होते हैं। गांवों में उन्हें शिक्षा तथा चिकित्सा की पूर्ण सुविधायें नहीं मिल पातीं। उनके लिये सिंचाई व्यवस्था उतनी उत्तम नहीं है। वास्तव में उनका जीवन गरीबी तथा कष्टों से भरा हुआ है।
किसान पूरे देश के लिये भोजन की व्यवस्था करता है। वह समाज का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है। अतः हमें उनकी दशा सुधारने का प्रयास करना चाहिये।
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