हाथी 
Hathi 



हाथी स्थलीय पशओं में धरती पर सबसे बड़ा पशु है। वैसे तो हाथी एक जंगली जानवर है किन्तु यह मनुष्य के साथ भी रह लेता है। यह विश्व के सर्वाधिक शक्तिशाली पशुओं में से एक है। यह भारत, बर्मा, अफ्रीका, रूस आदि देशों में विशेष रूप से पाया जाता है। किन्तु यह मरुस्थलों में रहने वाला पशु नहीं हैं। यह नदियों, दलदलों तथा नम स्थानों पर रहने वाला पशु है। अपने बड़े शरीर की सहायता से यह दलदली स्थानों में आसानी से चल लेता है। यह नदियों में भी तैर लेता है। यह अत्यंत शक्तिशाली तथा उपयोगी पश है। पहले समय में हाथियों का प्रयोग सेनाओं में किया जाता था। युद्धों को जीतने के लिये पहले हाथी सेना अत्यंत महत्वपूर्ण थी। हाथी लकड़ी के लढे, अन्य भारी सामान उठाने तथा एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने में अत्यंत उपयोगी है। केला तथा गन्ना इसका प्रिय खाद्य पदार्थ है। यह पूरी तरह से शाकाहारी तथा अहिंसक पशु है। लेकिन कभी-कभी पागल होने पर या क्रोधित हो जाने पर यह अपने सामने आने वाली प्रत्येक वस्तु को नष्ट कर देता है। हाथी के शरीर की बनावट भी अत्यंत विचित्र होती है। इसके चार पैर किसी खंभे की भाँति लम्बे तथा गोल होते हैं। कान किसी बड़े पंखे की तरह लगते हैं। 


शरीर के अनुपात में पूँछ छोटी होती है किन्तु मुख पर एक बड़ी होती है। अपनी सूंड की सहायता से यह फूल, फल, पत्तियाँ तोड़कर खाता है, पानी पीता है। इसकी सूंड में एक साथ कई लीटर पानी आ जाता है। इसे नदियों तथा तालाबों में स्नान करना अत्यंत अच्छा लगता है। यह जंगलों में एक झुण्ड के रूप में रहते हैं। हाथी चिड़ियाघर तथा सर्कस में हमारा मनोरंजन करते हैं। सर्कस में इसके करतब देखकर हैरानी होती है। हाथियों की विश्व में अनेक प्रजातियाँ हैं। वैसे सामान्यत: यह गहरे सुरमई रंग का होता है, किन्तु बर्फीले स्थानों पर पाये जाने वाले हाथी बिल्कुल सफेद रंग के होते हैं। बर्मा तथा अफ्रीका के हाथियों में भी अन्तर होता है। हाथियों के दाँत जो सैंड के पास बाहर निकले होते हैं अत्यंत मूल्यवान होते हैं। इनसे अनेक प्रकार के सजावटी सामान बनते हैं। आजकल हाथियों को उनके दांतों के लिये बड़ी तेजी से मारा जा रहा है। भारत सहित विश्व के अनेक देशों में हाथी का शिकार करना दण्डनीय अपराध है। यह एक संरक्षित वन्य पशु है। केवल इसके दाँतों को प्राप्त करने के लिये इसको मारना वास्तव में निन्दनीय है।

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