ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है 
Imandari Sarvottam Niti Hai



ईमानदारी मनुष्य के चरित्र की सबसे बड़ी विशेषता है। ईमानदारी रूपी आभूषण से सुसज्जित व्यक्ति समाज में सबसे सुन्दर माना जाता है। यह गुण किसी मनुष्य को दूसरे मनुष्यों की नजरों में सम्मानित बना देता है। किसी देश, समाज तथा जाति की प्रगति केवल कर्त्तव्यनिष्ठता तथा परिश्रम पर ही आधारित नहीं होती बल्कि ईमानदारी का भी उसमें बहुत बड़ा योगदान होता है। ईमानदारी शब्द की परिभाषा अत्यंत व्यापक है। किसी भी कार्य, व्यक्ति तथा दायित्व के प्रति मन के शुद्ध विचार तथा इन शुद्ध विचारों के अनुसार ही कार्य करना ईमानदारी की परिधि में आते हैं। 


ईमानदारी के गुण के साथ कोई व्यक्ति किसी को धोखा नहीं दे सकता तथा अपने आप को प्रत्येक उस कार्य से दूर रखता है जो उसकी अंतरात्मा के विरुद्ध हों। यदि कोई व्यक्ति अपनी नौकरी को पूरी निष्ठा के साथ पूरा करता है तो यह भी ईमानदारी का एक अंग है। यदि कोई किसी को उसकी गिरी हुई वस्तु या खोई वस्तु उसके मालिक तक पहुँचा दे तो यह भी ईमानदारी है। बल्कि यह ईमानदारी का सबसे सामान्य उदाहरण है। स्वयं को प्रत्येक उस कार्य से दूर रखना जो उसके देश, समाज तथा परिवार के हितों के विरुद्ध हो यह भी ईमानदारी की श्रेणी में आयेगा। वर्तमान समय में हमारा देश ईमानदार लोगों की कमी के कारण शीघ्रता से प्रगति नहीं कर पा रहा है तथा एशिया का एक छोटा-सा देश जापान अपने ईमानदार देशवासियों के सहयोग से एशिया का एक महत्वपूर्ण देश बन चुका है। ईमानदारी एक ऐसा गुण है जिस पर हर काल खण्ड में हर भाषा के कवियों ने कवितायें लिखी हैं। ईमानदार व्यक्ति न केवल अपने दायित्वों तथा अपने मान सम्मान के प्रति सजग रहता है बल्कि उन्हें बनाये रखने के प्रयास भी करता है। ईमानदारी के गुण को महत्व देते हुए अंग्रेजी भाषा में कहा गया है: 

                "Honesty is the Best Policy."

 

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