प्रकृति का सौन्दर्य 
Beauty of Nature



प्रकृति का सौन्दर्य अनुपम होता है। हम जिधर भी दृष्टिपात करते हैं उधर ही प्रकृति के सुन्दर दृश्यों को देखते हैं। चाहे दिन हो या रात प्रकति का सौन्दर्य हमारी आँखों से दर नहीं होता है। जब हम सुबह जागत हैं तो अपने आँगन की फलवारी या बागों में खूबसूरत फूलों को खिलते देखते हैं जिनकी सुन्दरता पर भँवरे मुग्ध हो जाते हैं। सुन्दर-सुन्दर विभिन्न प्रकार के पक्षी बागों में कलरव करते देखे जा सकते हैं। चारों तरफ हरियाली अपनी खुबसुरत छटा बिखेरती रहती है। तत्पश्चात पक्षियों को कतारबद्ध आकाश में उड़ते देखा जा सकता है। सूरज अपने अद्वितीय प्रकाश से सारे अंधकार को पलायन के लिये मजबूर कर देता है।

जब हम अपनी नजर पहाड़ों, झीलों, झरनों पर डालते हैं तो देखते हैं कि पहाड़ सफेद बर्फ की चादर लपेटे हुए हैं। झील शीशे की भाँति पारदर्शी है और झर-झर झरते हुए झरने किसी सुन्दर युवती की गुनगुनाहट की भाँति ध्वनि पैदा करते हैं। इतना ही नहीं नदियाँ अपनी मस्त धुन में से चलती हैं जैसे कोई नायिका अपनी कमर लचका रही हो। शाम के समय जब सरज अपने घर वापस जाने की तैयारी में होता है तब आकाश में अति सुन्दर लालिमा छा जाती है।

रात के समय जब आकाश में चाँद सितारे अपने सौन्दर्य का प्रदर्शन करते हैं तो वे हम सबका ध्यान अपनी ओर बरबस खींच लेते हैं।

वास्तव में प्रकृति प्रदत्त हर वस्तु अपने आप में सुन्दर होती है और हमें कुछ न कुछ उपहार देती है। सूरज रोशनी, फूल, खूशबू, बाग फल और भँवरे अपनी पुष्पभक्ति का प्रदर्शन कर हमें प्रेम का संदेश देते हैं। वर्षा हमारे जीवन का आधार है। इसी के फलस्वरूप हम विभिन्न प्रकार के फल, अन्न आदि प्राप्त करते हैं। पर्वत हमें सदैव नीचता और संकीर्णता त्यागकर उच्च आदर्श अपनाने की प्रेरणा देते हैं। झील, समुद्र भी हमें मन में गहराई लाने का सन्देश देते हैं। रेगिस्तान हमें गर्मी सहन करने की सीख देता है। नदियाँ, चाँद-सितारे हमें सौन्दर्य का उपहार देते हैं।

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