नर्स
Nurse
नर्स वास्तव में मानव सेवा की प्रतिमूर्ति होती है। ये किसी भी सरकारी या गैर सरकारी अस्पताल में हमें किसी भी मरीज की मनोयोग से सेवा करते हुए देखी जा सकती हैं। नर्स का कार्य समर्पण से परिपूर्ण होता है। नर्स के विचार में सभी मरीज उसके सगे भाई-बहिन की तरह होते हैं। चाहे वे किसी भी धर्म, जाति अथवा क्षेत्र के क्यों न हों। वह सभी का अपनी मध र मुस्कान से स्वागत करती हैं। और सच तो यह है कि अपनी मधुर मुस्कान और आत्मीयतापूर्ण व्यवहार से मरीज की आधी परेशानी और कष्ट को हर लेती हैं।
नर्स सफेद रंग की पोशाक पहने रहती है। सिर पर सफेद रंग का छोटा स्कार्फ भी रखे रहती है और वह अपने वरिष्ठों और चिकित्सकों के आदेशों का अक्षरश: पालन करती है। और मरीजों की सेवा निष्काम भाव से करती है। वैसे नर्स को वेतन बहुत कम मिलता है। फिर भी वह समय, कर्तव्य और अनुशासन का पाबंदी से पालन करती हैं और धन की कमी के बावजूद नर्स के होठों पर हमेशा मुस्कराहट का एकुछत्र राज्य रहता है।
जब नर्स की चर्चा हो और 'मदर टेरेसा' का नाम न आये, ये सम्भव ही नहीं। मदर टेरेसा का जन्म अल्बानिया में हुआ था। लेकिन उन्होंने अपना सारा जीवन भारत में रहकर मरीजों, गरीबों एवं अनाथों की सेवा में समर्पित कर दिया। उनकी सेवाओं के फलस्वरूप उन्हें 'शान्ति' का नोबेल पुरस्कार भी मिला। सारा संसार मदर टेरेसा की मानव सेवा को हार्दिक रूप से सलाम करता है।
नर्स का कार्य सेवा, सहयोग, ईमानदारी, निष्पक्षता से परिपूर्ण होता है। उसके कार्य में अहंकार, पक्षपात, असहयोग और नफरत कभी भी परिलक्षित नहीं होते हैं। वास्तव में यदि हम नर्स को ईश्वर का देवदूत कहें तो तनिक भी अतिश्योक्ति नहीं होगी।
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