मेरा उद्देश्य
Mera Uddeshya
सभी लोगों का अपने जीवन में कोई न कोई उद्देश्य अवश्य होता है। ईश्वर ने सभी लोगों को इस संसार में किसी न किसी उद्देश्य के साथ अवश्य जन्म दिया है। हर आदमी अपने उद्देश्य को प्राप्त करने के लिये संघर्ष भी करता है। बिना उद्देश्य तथा संघर्ष के यह जीवन बेकार है तथा उस रास्ते की तरह है जिसकी कोई मंजिल नहीं होती। उद्देश्य को प्राप्त करने में होने वाले संघर्ष में ही जीवन का असली आनन्द है तथा प्रगति के लिये उद्देश्य का होना अत्यधिक आवश्यक है।
मेरा नाम रोहित वर्मा है। मैं सेण्ट फ्रांसिस स्कूल का कक्षा आठ का छात्र हूँ। मेरे जीवन का भी एक उद्देश्य है। मैं बड़ा होकर एक योग्य डाक्टर बनना चाहता हूँ तथा समाज की सेवा करना चाहता हूँ। डाक्टर का पेशा अत्यंत सम्माननीय है। लोग डॉक्टर को धरती पर भगवान का दूसरा रूप मानते हैं। मेरे माता-पिता दोनों सरकारी चिकित्सक हैं। वे दोनों अत्यंत मेहनत तथा लगन से निर्धन और धनी सभी लोगों का इलाज करते हैं। चिकित्सक बनकर बीमार लोगों की सेवा करने में एक विचित्र आनन्द प्राप्त होता है। इस पेशे की सादगी तथा सेवाभाव को देखते हुये ही मैंने कक्षा पांच में एक चिकित्सक बनने का निश्चय कर लिया था तथा इसे ही जीवन का एकमात्र उद्देश्य बना लिया था। मैं बीमार लोगों की सेवा करने के लिये चिकित्सक बनना चाहता हूँ। चिकित्सक बनकर धन कमाना ही मेरा एकमात्र उद्देश्य नहीं है। अपने उद्देश्य को प्राप्त करने के लिये मैं खूब मन लगाकर पढ़ाई करता हूँ। विद्यालय नियम से जाता हूँ। गृहकार्य को नियम से पूरा करता हूँ। इसके अलावा मन लगाकर अपने विषय की पुस्तकों का अध्ययन करता हूँ। मैं चिकित्सक बनने के लिये कड़ा संघर्ष करने के लिये तैयार हूँ। मेरे माता-पिता दोनों मुझे चिकित्सक बनने के लिये प्रेरित करते हैं। दोनों मुझसे कहते हैं कि अपने उद्देश्य को प्राप्त करने के लिये मेहनत तथा लगन अत्यंत आवश्यक है। वे दोनों मुझे अपने उद्देश्य में सफल होने का आशीर्वाद देते हैं।
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