मेरे सपनों का भारत
Mere Sapno Ka Bharat
मैं भारत देश का नागरिक हूँ। मेरा नाम राहुल है। मैं अपने देश से अत्यंत प्रेम करता हूँ। मेरा देश भारत प्राचीन संस्कृति तथा सभ्यता का देश है। भारत 1947 ई. में 15 अगस्त को अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त हुआ था। तब से भारत धीरे-धीरे विकास पथ पर आगे बढ़ रहा है। किन्तु अब भी इसके सामने बहुत सी समस्यायें खड़ी हैं जैसे-गरीबी, भुखमरी, भ्रष्टाचार, शोषण, धार्मिक तथा जातीय भेदभाव, महँगाई, आतंकवाद आदि। मेरे सपनों के भारत में ऐसी कोई समस्या नहीं होगी। गरीबी तथा बेरोजगारी ही इस समय देश की सबसे बड़ी समस्यायें हैं। भ्रष्टाचार तथा आतंकवाद इन्हीं समस्याओं के कारण पनप रहे हैं। विदेशी लोग हमारे बेरोजगार युवाओं की गरीबी से लाभ उठाकर उन्हें अपने ही देश के विरुद्ध हथियार उठाने के लिये तैयार कर लेते हैं तथा इसके लिये वे उन्हें पैसा देते हैं। बढ़ती हुई महंगाई ही भ्रष्टाचार की जड़ है। सरकार को चाहिये कि वह सभी लोगों की ऐसी शिक्षा की व्यवस्था करे जिससे लोगों को रोजगार भी मिल सके।
देश की मूलभूत सुविधाओं जैसे सडकों, रेलों, पुलों, नहरों, बिजली, पानी पर पर्याप्त धन व्यय होना चाहिये। किसान की खुशहाली, बच्चों का शिक्षित जीवन तथा महिलाओं को समाज में सम्मानजनक स्थान मेरे आदर्श भारत की मुख्य विशेषतायें होंगी। बिजली, पानी तथा सड़कों की उत्तम दशा मेरे आदर्श भारत का हिस्सा होगी। यद्यपि सरकार बेरोजगारी, भ्रष्टाचार तथा अशिक्षा दूर करने का प्रयास कर रही है। किन्तु भारत जैसे विशाल देश में सुधारों के लिये अधिक प्रभावी प्रयासों की आवश्यकता है। भारत एक कृषि प्रधान देश है। अतः सरकार को कृषि क्षेत्र में सुधार करने चाहिये। देश में संचार क्रान्ति आ चुकी है। भारत में इसका लाभ प्रत्येक व्यक्ति तक पहुँचना चाहिये। देश वास्तव में उन्नत दशा में पहुँच चुका है। लेकिन भारत में निर्धन देशवासियों को उनका हिस्सा मिले तथा कोई भूख से न मरे इसकी समुचित व्यवस्था होनी चाहिये। मेरे सपनों के भारत में कोई भी व्यक्ति बिना उपचार के या दवाईयों के अभाव में नहीं मरेगा। मेरे भारत में सभी को समान अधिकार प्राप्त होंगे कोई भी व्यक्ति किसी दूसरे का शोषण या उस पर अत्याचार न कर पायेगा। इस प्रकार मेरे सपनों के भारत में केवल खुशहाली तथा सम्पन्नता होगी। यद्यपि देश पिछले साठ सालों में पर्याप्त प्रगति कर चुका है। किन्तु अपने प्राचीन गौरव, सम्मान तथा सम्पन्नता को प्राप्त करने के लिये भारत सरकार को ही नहीं बल्कि यहाँ के नागरिकों को भी गंभीर प्रयास करने होंगे।
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