स्वतंत्रता दिवस
Swatantrata Diwas
भारत त्यौहारों, पर्वों, मेलों तथा उत्सवों का देश है। यहाँ विभिन्न धर्मो, जातियों तथा वर्गों के लोग निवास करते हैं तथा उनके अपने त्यौहार हैं। पूरे साल भारत में त्यौहार व उत्सव चलते रहते हैं। इन धार्मिक तथा सामाजिक पर्वों के अलावा 15 अगस्त, 26 जनवरी तथा 2 अक्टूबर भारत के राष्ट्रीय पर्व हैं। इनमें 15 अगस्त सबसे अधिक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पर्व है। इस दिन भारत देश ने ब्रिटिश राज्य की गुलामी की जंजीरों को तोड़कर आजादी के वातावरण में सांस ली थी। 15 अगस्त, 1947 को गांधी, नेहरू तथा सुभाष चन्द्र बोस के त्याग तथा बलिदान के फलस्वरूप भारत सैकड़ों वर्ष की गुलामी के बाद स्वतंत्र हुआ। तब से हर 15 अगस्त को भारत में स्वतंत्रता का जश्न मनाया जाता है। दिल्ल में लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री भाषण देते हैं। विद्यालयों सरकारी दफ्तरों में तिरंगा फहराया जाता है। हम टीवी पर सारा कार्यक्रम देखते हैं। हमारे विद्यालय में भी 15 अगस्त बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। सबसे पहले तिरंगा फहराया जाता है तथा फिर राष्ट्रगान गाया जाता है। फिर हमारे प्रधानाचार्य महोदय तथा अन्य अध्यापकगण हम आजादी के दीवानों और शहीदों के बलिदान की याद ताजा करते हैं।
हमें बताया जाता है कि किस प्रकार लोगों ने आजादी के लिये अपने परिवार, नौकरी, शिक्षा का त्याग किया। यही नहीं बहुत से लोगों ने तो अपने जीवन की बलि तक दे दी। इस दिन विद्यालय में बच्चे देशभक्ति के गीत तथा नाटक भी मंच पर प्रस्तुत करते हैं। इस बार हमारे विद्यालय में शहीद भगत सिंह पर एक नाटक प्रस्तुत किया गया। फिर हमारे प्रधानाचार्य सब बच्चों में मिष्ठान वितरित कराते हैं। फिर सब बच्चे अपने घरों को वापस जाते हैं। इस दिन घरों, दुकानों, इमारतों, मोटरों तथा गाड़ियों पर हर जगह तिरंगा लहरा रहा होता है। ये हमें इस बात का अहसास कराता है कि हम किसी के गुलाम नहीं। बस हमें भी यह प्रण करना चाहिये कि जिस आजादी को पाने के लिये इतना संघर्ष किया गया, उसे बनाये रखने के लिये तथा देश को प्रगति पथ पर आगे बढ़ाने के लिये हम सच्चे मन से प्रयास करेंगे।
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