बरसने वाले बादल काले क्यों दिखाई देते हैं 
Barasne Wale badal kale kyo dikhai dete hai 



हम जानते हैं कि बादलों में पानी की असंख्य छोटी-छोटी बूंदे होती है। कुछ बादलों में इन बूंदों की संख्या बहुत अधिक होती हैं तो दूसरों में बहुत कम। कुछ बादल सफेद रंग के दिखाई देते हैं तो कुछ भूरे रंग के। बरसने वाले बादल आमतौर पर काले रंग के होते हैं।

जब किसी वस्तु पर सूर्य का प्रकाश पड़ता है तो उसका कुछ भाग परावर्तित हो जाता है और कुछ वस्तु द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है। चमकीली वस्तुएं अक्सर अपने ऊपर पड़ने वाले प्रकाश को परावर्तित करती हैं। यदि कोई वस्त उस पर पड़ने वाले प्रकाश को पूर्णतया अवशोषित कर लेती हैं तो वह काले रंग की दिखाई देती है। वास्तव में काला रंग कोई रंग नहीं है। प्रकाश के सातों रंग जब किसी वस्त द्वारा अवशोषित कर लिए जाते हैं तो उस वस्तु का रंग काला दिखाई देता है।

जो बादल सूर्य के प्रकाश को परावर्तित कर देते हैं, वे सफेद दिखाई देते है, लेकिन जो प्रकाश को अवशोषित कर लेते हैं, वे काले दिखाई देते हैं। बरसने वाले बादलों में पानी की असंख्य बूंदें होती हैं जो सूर्य के प्रकाश के सभी रंगों को अवशोषित कर लेती हैं, इसलिए बरसने वाले बादलों का रंग काला दिखाई देता है। आकाश में जब ऐसे बादलों की संख्या अधिक होती है तो दिन में भी अंधकार हो जाता है क्योंकि ये बादल सूर्य के प्रकाश को अवशोषित कर लेते हैं और उसे धरती तक नहीं आने देते। कभी-कभी आकाश में चमकीले रंग के बादल सफेद पट्टियों के रूप में दिखाई देते हैं। ये बादल बर्फ के बहुत ही छोटे-छोटे कणों से मिलकर बने होते हैं और इनकी उंचाई भी बहुत अधिक होती है। बर्फ के कण प्रकाश के लिए पारदर्शक होते हैं, इसलिए कांच की भांति इनमें से प्रकाश आर-पार निकल आता है। इसलिए ये चमकीले दिखाई देते हैं।