धरती पर जीवन कैसे प्रारंभ हुआ
Dharti par jeevan kaise prarambh hua
विश्व में तरह-तरह के जीव-जन्तु, पेड़-पौधों को देखकर हम दंग रह जाते हैं और सोचने लगते हैं कि आखिर धरती पर
जीवन का प्रादुर्भाव कैसे हुआ? यद्यपि जीवन की शुरुआत
के विषय में हमने बहुत से रहस्यों को जान भी लिया है लेकिन फिर भी बहुत सी बातों
का समाधान अभी तक नहीं हो पाया है। जैसे परमाणु और अणु तो बेजान चीज है परंतु फिर
भी इनके मिलने से जानदार चीज कैसे बन जाती है?
धरती पर जीवन कैसे आरंभ हुआ इसका पता लगाने के लिए हम
उन जानवरों और पेड़-पौधों के जीवाश्मों का अध्ययन करते हैं जो पुरातन युग में
जिंदा थे। धरती की खुदाई करने पर बहुत से जीवाश्म, चट्टानें और हड्डियां मिली हैं जिनके आधार पर मनुष्य ने धरती पर जीवन के आरंभ
का अनुमान लगाया। वैज्ञानिकों ने अपनी खोज से ये निष्कर्ष निकाला है कि धरती पर
जीवन एक कोशिकीय प्राणी (अमीबा) से शुरू हुआ। एक कोशिकीय जीवन से बहु कोशिकीय
प्राणियों का जन्म हुआ। शुरू के 35.5
करोड़ वर्षों में समुद्री जीवों का विकास हुआ। बाद के 16 करोड़ वर्षों में रेंगने वाले जंतु विकसित हुए और
मनुष्य का जन्म तो केवल 10 लाख वर्ष पुराना है।
पुरातन युग से पहले धरती पर वायुमंडल हाइड्रोजन, अमोनिया और मीथेन जल वाष्पों से भरा था। उस समय पृथ्वी आग का गोला थी जिसके
चारो ओर बादल छाए रहते थे और जिनमें बिजली चमकती रहती थी। किसी विद्युत विसर्जन से
इन गैसों के अणु संयुक्त अवस्था में आए जिससे प्रोटीन बन गए इन्हीं प्रोटीन, वसा और कार्बोहाइड्रेट से एक कोशिका जीव पैदा हुआ। शायद जो धरती पर पहला जीव कहलाया।
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