हमें प्यास क्यों लगती है 
Hame Pyas kyo lagti hai 



अधिकतर लोगों की धारणा है कि मुंह या गले का सूखना ही प्यास प्रदर्शित करता है, लेकिन यह सच्चाई नहीं हैं। मुंह या गले का सूखना कई दूसरे कारणों से भी हो सकता है। जैसे व्यायाम करने से गला सूख जाता है। तनाव या लार ग्रंथियों द्वारा कम लार पैदा होने करने पर भी गला और मुंह सूख जाता है।

हम जानते हैं कि हमारे रक्त में जल और नमक सदा ही मौजूद रहते हैं। शरीर के ऊतकों में भी ये दोनों पदार्थ रहते हैं। सामान्य स्थिति में रक्त में इन दोनों पदार्थों का अनुपात स्थिर रहता है। किसी कारण वश रक्त में जल की मात्रा कम होने पर इन दोनों पदार्थों का अनुपात बदल जाता है। इस स्थिति में मस्तिष्क में उपस्थित प्यास केंद्र गले को संदेश भेजना है, जिसके फलस्वरूप गले में सिकुड़न पैदा हो जाती है। इस सिकुड़न से गला सूखने लगता है और हमें प्यास महसूस होने लगती है।

कभी-कभी यह भी देखा जाता है कि लार ग्रंथियों से लार भी खूब निकलती है, हमारे पेट और रक्त में भी खूब पानी होता है, लेकिन फिर भी हमें प्यास महसूस होती है। उदाहरण के लिए जब आदमी शराब पीता है तो उसके साथ वह नमकीन पदार्थ भी अधिक मात्रा में खाता है यद्यपि शराब के साथ पानी की भी काफी मात्रा पहंचती रहती है, लेकिन नमकीन पदार्थ खाने से रक्त में नमक की मात्रा बढ़ जाती है। परिणाम यह होता है कि रक्त में नमक की मात्रा सामान्य से अधिक हो जाती

हैं। ऐसा होने पर रक्त में नमक और पानी का अनुपात बदल जाता है। इस स्थिति में मस्तिष्क गले को संदेश देता है और हमें प्यास अनुभव होने लगती है।