कुछ लोग नींद में क्यों चलते हैं
Kuch Log Nind me kyo chalte hai
कुछ लोगों की एक विचित्र आदत होती है कि वे नींद की
अवस्था में ही उठकर अपने कपडे बदल लेते हैं और टहलने निकल जाते हैं। लेकिन यह सब
काम वे नींद में ही करते हैं। उन्हें इस बात का कोई ज्ञान नहीं होता कि इस बात का
उत्तर पाने के लिए यह समझना जरूरी है कि नींद क्या है? वैज्ञानिक तथ्यों के अनुसार हमारे मस्तिष्क में एक जटिल क्षेत्र है जिसे नींद
केंद्र कहते हैं। यही केंद्र हमें सुलाने और जगाने का काम करता है। यह नींद केंद्र
कैल्शियम द्वारा नियंत्रित होता है। सारे दिन के कार्यों के फलस्वरूप हमारे शरीर
में लैक्टिक ऐसिड, कैल्शियम और अन्य पदार्थ पैदा होते रहते हैं और रक्त में मिलते रहते हैं। जब
कैल्शियम इस केंद्र तक पहंचता है तो यह क्रियाशील हो जाता है और आदमी को नींद की
अवस्था में ले जाता है।
नींद-केंद्र शरीर में दो कार्य करता है। एक तो यह
मस्तिष्क का संबंध शरीर के काम करने वाले अंगों से तोड देता है, जिससे हम में काम
करने की इच्छा नहीं रहती। दूसरे यह कुछ नाड़ियों का संबंध मस्तिष्क से काट देता
है। परिणाम यह होता है कि शरीर के आंतरिक अंग सो जाते हैं।
कुछ लोगों में एक असामान्य स्थिति होती है, उनका मस्तिष्क तो सो जाता है, लेकिन बाकी शरीर जागृत अवस्था में
रहता है। ऐसा उन लोगों के साथ होता है जिनकी नाड़ियों में कुछ असमानता होती है।
ऐसे ही लोग बिस्तर से उठकर नींद में चलने-फिरने लगते हैं। उस स्थिति में उनका
मस्तिष्क तो सोता रहता है परंतु शरीर जगा हुआ रहता है। दोनों का संबंध न रहने के
कारण ऐसे लोग सोते-सोते चहलकदमी करने लगते हैं।
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