क्या पेड़-पौधे भी मांसाहारी होते हैं
Kya Ped-Paudhe bhi Mansahari hote hai



जी हां चौंकिए मत, कुछ पेड़-पौधे मांसाहारी भी होते हैं। ये पौधे स्वयं तो प्रोटीन बना नहीं पाते इसलिए ये कीड़े-मकोड़ों को खाकर ही प्रोटीन की कमी को परा कर लेते हैं। ऐसे पौधों को कीटभक्षी कहते हैं। इनका कीटों को पकड़ने का ढंग भी अलग-अलग होता है।

'यूटिक्यूलेरिया' नामक पौधा संसार के सभी भागों में पाया जाता है। यह एक जलीय पौधा है। पानी में डूबी हुई इसकी जड़ों में 'ब्लेडर' होते हैं। छोटे-छोटे कीड़े जब इन ब्लैडरों में प्रवेश कर जाते हैं तो इसके द्वार पर लगे रोम इन कीड़ों को बाहर नहीं निकलने देते। उनके ब्लैडर की दीवारों से एक चिपचिपा द्रव निकलता है जो इन कीड़ों का रस चूस प्रोटीन प्राप्त करता है। ऐसा ही एक पौधा है 'बीनस फ्लाइट्रेप' । यह पौधा आमतौर पर अमेरिका में पाया जाता है। इसकी पत्ती के दोनों किनारों पर लाल रंग के उभार होते हैं जो देखने में अत्यंत सुंदर लगते हैं। जब कोई कीड़ा इनकी पत्तियों पर आकर बैठता है तो इसकी पत्ती अपने आप बंद हो जाती है और यह पौधा उस कीड़े के मासं और रक्त को चूस लेता है। 'सनड्यू' नामक पौधे की पत्तियों में रोम होते हैं। इन रोमों की नौंक पर एक तरल पदार्थ होता जो बूंदों के रूप में होता है, जिससे इसकी पत्ती आकर्षण लगती है। अक्सर कीड़े इसकी तरफ आकर्षित होकर इसकी पत्तियों पर बैठ जाते हैं। परंतु जैसे ही कोई कीड़ा इसकी पत्तियों पर बैठता है तो तुरंत इसके रोम झुककर उसे पकड़ लेते हैं और अपने रस द्वारा इस कीड़े को पचा लेते हैं। वह कीड़ा पचता है तो इस पत्ते के रोम स्वतः ही खल जाते हैं। ऐसा ही कई जगह पाया जाने वाला पौधा 'पिचरप्लांट' है जिसकी पत्ती के आगे का हिस्सा एक घड़े के समान होतो है।

पर्यावरणीय वैज्ञानिकों के सर्वेक्षण के अनुसार विश्व में और भी अनेकों मांसभक्षी पौधे पाए जाते हैं। भारत में शिमला की पहाड़ियों में 'इडियन पाइप' नाम का पौधा पाया जाता है जो कीड़ों को खा जाता है। ऐसे ही अमेरिका में 'कोबरा प्लांट' नामक पौधा है जो देखने में सांप की तरह का दिखाई देता है। इसका मुंह घड़े के आकार का होता है। यह भी कटभक्षी पौधा है।