क्या बिजली कचरे से भी बनती है
Kya bijli kachre se bhi banti hai
जी हां, आज बिजली कूड़े-कचरे से बनाने की
विधि भी वैज्ञानिकों ने अथक परिश्रम के बाद खोज ली है। आज विश्व में कूड़े कचरे की
समस्या विकराल रूप धारण कर चुकी है। फिर स्थान की कमी के कारण उसके निस्तारण की
समुचित व्यवस्था नहीं हो पाती। कचरे से पर्यावरण को भी हानि पहुंचती है और मानव
स्वास्थ्य के लिए तो यह खतरा ही है। इस समस्या से निपटने के लिए वैज्ञानिकों ने
अनुसंधान कर कचरे से बिजली बनाने के संयंत्र विकसित कर लिए हैं।
प्रत्येक घर में फेंका गया थोडा-थोडा कचरा इकट्ठा
होकर विशाल ढेर बन जाता है। महानगरों में कचरे का ढेर एक समस्या बन गया है। वहां
यही प्रश्न खड़ा होता है कि कचरे को कहां फेंका जाये या इसका क्या उपयोग किया जाये? ऊर्जा संकट के इस दौर में कुछ लोगों का ध्यान कचरे से बिजली बनाने की और गया।
यूरोप इस क्षेत्र में अग्रणी रहा और जर्मनी में कूड़े-कचरे से बिजली बनाने में
सफलता हासिल हुई। आज विश्व के कई देशो में कचरे से बिजली बनाने के सयंत्र स्थापित
किए जा चुके हैं। सर्वाधिक संयंत्र जर्मनी में हैं। कुछ जापान, अमेरिका, और ब्रिटेन में है। अनुसंधानों से यह ज्ञात हुआ है कि कचरे में ऊर्जा की
मात्रा 1200 से 1600 कैलोरी प्रति किलोग्राम होती है। परंतु विकसित देशो में यह
मात्रा 3500 कैलोरी प्रति किलोग्राम तक पाई जाती है। इस कार्य से बेकार पड़ा हुआ
कचरा उपयोगी ऊर्जा में परिवर्तित हो रहा है। इससे ऊर्जा संकट को दूर करने में तो
सहायता मिल ही रही है वरन कचरे के विशाल ढेरों से भी छुटकारा मिल रहा है।
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