जी-8 शिखर सम्मेलन 
G-8 Shikhar Sammelan



विश्व के प्रमुख 8 औद्योगिक लोकतांत्रिक देशों का समूह जी-8 हैं। इसके सदस्य हैं-अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, इटली, फ्रांस, जर्मनी, कनाडा, रूस। इसका गठन संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, जर्मनी और फ्रांस ने न्यूयार्क में 1975 ई. में किया। उस समय ये देश जी-8 न कहलाकर जी-5 कहलाते थे। कुछ दिनों के बाद इटली के इसमें शामिल होने से जी-5 से जी-6 हो गए। 1998 ई. में कनाडा-रूस के शामिल होने पर यह समृद्ध जी-8 हो गया। 2005 में स्कॉटलैंड के प्लेनिंगल्स में आयोजित जी-8 के शिखर सम्मेलन में पांच प्रमुख विकासशील देशों को बैठक में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया। ये पांच प्रमुख देश हैं-भारत, चीन, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, मैक्सिको।

8-10 जुलाई, 2005 को जी-8 देशों का सम्मेलन हुआ, उसमें भारत, ब्राजील, चीन, दक्षिण अफ्रीका, मैक्सिको अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष, संयुक्त राष्ट्र संघ, विश्व बैंक तथा विश्व व्यापार संगठन के प्रमुखों ने भाग लिया। शिखर बैठक में अफ्रीकी देशों में छाई व्यापक गरीबी, स्वच्छ ऊर्जा विकास, सतत् विकास और ग्लोबल वार्मिंग का मुद्दा ही प्रमुख था। लेकिन बढ़ते आतंकवादी हमले बड़े मुद्दे बनकर छाए रहे। पारंपरिक तौर पर जी-8 का मेजबान देश समझौते के लिए एजेंडा तय करता है, जिस पर सम्मेलन के अंत में संयुक्त बयान जारी किया जाता है। लेकिन 2005 के शिखर सम्मेलन में ब्रिटिश सरकार ने ग्लोबल वार्मिंग और अफ्रीकी देशों की गरीबी और अशिक्षा को उच्च प्राथमिकता दी। प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर ने क्योटो प्रोटॉकॉल से भी बढ़कर एक योजना तैयार की थी, जिसमें ग्रीन हाउस गैसों को कम करने के बदले में स्वच्छ ऊर्जा टेक्नोलॉजी का स्थानांतरण किया जाए।


जी-8 शिखर सम्मेलन 2005 के प्रमुख बिंदु निम्नलिखित हैं-

1. 2010 तक विकासशील देशों के लिए 50 बिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता दी जाएगी, जिसमें 25 बिलियन अमेरिकी डॉलर अफ्रीकी देश को दिया जाएगा। 

2. 2010 तक अफ्रीका में ऐंटी एच.आई.वी. दवाओं तक सामान्य लोगों की पहुंच कायम करना। 

3. अफ्रीकी के लिए 20,000 शांति सैनिकों को प्रशिक्षण देना। बदले में अच्छे शासन-प्रजातंत्र के लिए वचनबद्धता दिखाएगा।

4. जी-8 के सदस्य देश अपने जी.डी.पी. का 56 प्रतिशत 2010 तक तथा 2075 तक 71 प्रतिशत सहायता राशि प्रदान करेंगे। 

5. व्यापार में बाधा पहुंचाने वाले सब्सिडियों को कम या समाप्त किया जाना चाहिए। 

6. फिलीस्तान को आधारभूत ढांचा तैयार करने के लिए 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता दी जाएगी। ब्रिटेन के पहल पर जी-8 के देशों ने गरीबी झेल रहे देशों के लिए 40 बिलियन डॉलर के ऋण माफी की घोषणा की।


विश्व में भारत के आर्थिक कद को बढ़ते देखकर सभी देशों और संगठनों ने संबंधों को प्रगाढ़ बनाने पर जोर दिया। जी-8 के देशों के साथ भारत के व्यापार की स्थिति इस प्रकार है-

1. भारत और जी-8 देशों के बीच व्यापार में वर्ष 2004-05 के दौरान 17 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई। 

2. भारत और जी-8 के दोनों ने 48 बिलियन डॉलर का व्यापार किया। 

3. विश्व के कुल व्यापार का 25 प्रतिशत व्यापार जी-8 के देशों के साथ करता है। 

4. जी-8 के देशों को वर्ष 2004-05 में भारत द्वारा अपने कुल निर्यात का 33

प्रतिशत निर्यात किया। 5. इन देशों से भारत का आयात 20 प्रतिशत रह गया।

अतः भारत और जी-8 देशों के बीच आपसी व्यापार तथा सहयोग की अपार संभावना हैं जिन्हें तलाशना और उनसे लाभ उगना वांछनीय है।