पिता जी को हॉस्टल से पुत्र द्वारा हॉस्टल जीवन के बारे मे बताते हुए पत्र। 

परीक्षा भवन 

दिनांक : 14 नवंबर, 20... 

पूज्य पिता जी 

सादर प्रणाम 

आपको यह जानकर प्रसन्नता होगी कि मैं यहाँ आनंद से हूँ। मैं यहाँ कई अच्छे सहपाठियों को मित्र बना चुका हूँ। जो अच्छे स्वभाव के, परिश्रमी और अध्ययनशील हैं। मैं विद्यालय में अभी नया हूँ, फिर सबका स्नेह प्राप्त है। इस विद्यालय के प्रधानाचार्य/अध्यापक सभी अच्छे हैं और हम पर पूरा ध्यान रखते हैं। मैं हिंदी-परिषद का सहायक मंत्री बन गया हूँ। विद्यालय की अन्य परिषदों में भी काम करना चाहता हूँ, पर समय का इतना अभाव है कि कॉलेज-जीवन के सभी कार्यक्रमों में भाग लेना संभव नहीं है। पढ़ना अधिक है, पढ़ाई भी काफी हो चुकी है इसलिए मैं कहीं बाहर जा नहीं पाता। यहाँ जीवन बड़ा व्यस्त है, हर मिनट कीमती मालूम होता है। फिर विद्यालय के छात्रों में अध्ययन की प्रतियोगिता भी रहती है। हर छात्र दूसरे से आगे बढ़ना चाहता है। ऐसी हालत में जी-तोड़ परिश्रम आवश्यक है। तभी मैं अच्छी श्रेणी में उत्तीर्ण हो सकता हूँ। आपको विश्वास दिलाता हूँ कि वार्षिक परीक्षा में मेरा परीक्षाफल संतोषजनक रहेगा। शेष कुशल है। पूजनीया माता जी को मेरा सादर प्रणाम कहें। 

आपका स्नेहाकांक्षी 

राकेश मित्तल 

पत्र पाने वाले का नाम व पता 

श्री रामनरेश मित्तल 

आदर्शनगर

जयपुर (राजस्थान)