सूचना एवं संचार माध्यमों की बढ़ती लोकप्रियता के कारण पत्र-लेखन पीछे छूट गया है। पत्र-लेखन के महत्त्व को रेखांकित करते हुए अपने मित्र को एक पत्र लिखिए।
परीक्षा भवन
नई दिल्ली
15 मार्च 20...
प्रिय मित्र गौरव
सादर नमस्कार
मैं यहाँ सकुशल रहकर आशा करता हूँ कि तुम सपरिवार सकुशल होगे। मित्र तुमसे शिकायत के साथ कहना पड़ रहा है कि पिछले एक माह से कोई पत्र नहीं आया। तुम्हारा हाल-चाल न मिलने से मैं चिंतित हूँ। इस पत्र में मैं तुम्हें पत्र-लेखन के महत्त्व के बारे में लिख रहा हूँ।
मित्र, आज का युग विज्ञान का युग है। सूचना एवं संचार माध्यमों का खूब विकास हुआ है। ये साधन इतने अधि क लोकप्रिय हो रहे हैं कि पत्र-लेखन कम होता जा रहा है। वास्तव में पत्र-लेखन की अपनी अलग विशेषताएँ हैं जो इस युग में अपना महत्त्व बनाए हुए है। हम मोबाइल के संदेशों तथा तार की सूचनाएं संजोकर नहीं रख सकते हैं। इनमें वह अपनापन नहीं होता है जो पत्र से प्राप्त होता है। पत्र पढ़ते समय लिखने वाले का चेहरा हमारी आँखों के सामने घूम जाता है। पत्रों को भविष्य में कभी भी पुनः पढ़ा जा सकता है।
पत्र अपने देश-काल तथा परिस्थितियों के सच्चे दस्तावेज़ होते हैं, जो तत्कालीन समाज का पूर्ण चित्रण करते हैं। पत्र-लेखन के कारण ही डाक विभाग से जुड़े हजारों लोगों को रोजगार मिला हुआ है। पहाड़ी तथा दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों में पत्रों का इंतजार किया जाता है। पत्र लेखन एक कला है। आशा है कि तुम इसे और भी बेहतर बनाना सीखोगे। अपने माता-पिता को मेरा प्रणाम कहना। शेष सब ठीक है।
तुम्हारा अभिन्न मित्र
ऋषभ शाक्य
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