बोतल में अंडा
Egg in
Bottle Experiment
अरे, यह क्या! जादूगर ने किस जादू के प्रयोग से साबुत अंडा छोटे मुँह की
बोतल में रख दिया! यह इस बोतल में कैसे आ गया! पड़ गए न आश्चर्य में और दबा बैठे
उँगली दाँतों तले।
अब आपके मन में जिज्ञासा हो रही होगी
कि क्या हम भी अंडा बोतल म रख सकते हैं। यह असंभव कार्य संभव कैसे हो सकता है ? तो आओ, मैं आपको बोतल में अंडा रखना सिखाती हूँ।
जादूगर सम्राट् सर्वप्रथम किसी एक
साबुत अंडे को सिरका (एसिटिक ह्यएसिड) में रखता है, जिससे उसका बाहरी छिलका घुल जाता है। अब छिलकारहित आंतरिक झिल्लीवाले
कवच के इस अंडे को नमक के संतृप्त घोल में कई घंटे तक रखा जाता है, जिससे यह अंडा परासरण प्रक्रिया (Osmosis) द्वारा सिकुड़ जाता है। इस सिकुड़े, लचीले, साबुत छोटे अंडे को जादूगर छिपाकर रखता है। दर्शकों के सामने जादूगर
बोतल के मुँह पर एक साबुत बाह्य कवच के साथवाला अंडा रख
देता है और दर्शकों से इसे बोतल में डालने को कहता है।
इस बीच वह अपनी चटपटी बातों, रसीली वेशभूषा एवं अजीबो-गरीब हाव-भाव
में उलझाकर साबुत अंडे की जगह पहलेवाला वह सिकुड़ा, छोटा एवं लचीला अंडा बोतल के अंदर आसानी से सरका देता है तथा अपनी
विश्वसनीयता को बनाए रखने के लिए बोतल को पानी से भर देता है और कहता है कि 'देखिए, बोतल खाली थी,
इसमें कोई करिश्मा या अद्भुत तरकीब
छिपी हुई नहीं है।' फिर थोड़ा समय बातों में लगाता है या
कोई दूसरा खेल दिखाता है और दर्शकों को पुन: अंडा बाहर निकालने के लिए आमंत्रित
करता है। कई बार तो शर्त लगा लेने की बात भी कह डालता है।
इस दौरान वह सिकुड़ा हुआ
अंडा विपरीत परासरण (Reverse
Osmosis) द्वारा
पानी को सोखकर पुनः अपनी पूर्ववत् बड़े आकारवाली स्थिति में आ जाता है। यह बड़ा
अंडा स्वयं जादूगर भी बोतल से बाहर नहीं निकाल सकता तो फिर दर्शकों द्वारा यह बाहर
निकालने का प्रश्न ही कहाँ उठता है? इस
प्रकार बोतल में अंडा डालने और बाहर निकालने के दोहरे जादू से जादूगर दर्शकों को
आश्चर्य में डाल देता है।
इसी तरह आपने चंपा, गुलाब, सिकुड़े हुए गुब्बारे आदि बोतल में डालकर, पानी से भरकर दिल्ली जैसे महानगरों में
बिकते हुए देखे होंगे। तो अब आप स्वयं यह प्रयोग करके अपने दोस्तों को आश्चर्य में
डाल सकते हैं।
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