मँहगाई की मार 
Mehjangai ki Maar

महगाई एक सामाजिक समस्या ही नही बल्कि एक आर्थिक समस्या भी है। आज हमारी व्यवस्था तथा शासन में आर्थिक अनुशासन की कमी जिसका परिणाम हमारे सामने मँहगाई के रूप में आई है। इस मूल्य वृद्धि के कारण लोगों का जीवन बहुत त्रस्त हो गया है।

आज के विक्रेता ज्यादा से ज्यादा लाभ कमाने चाहते है। यदि किसी वस्तु के भाव को बढ़ाना हो तो विक्रेता से पहले दुकान पर वस्तु के दाम एकदम से बढ़ा देता है, जबकि नयी वस्तु यदि मँहगी खरीदे तो उसे अधिक मूल्य पर देना चाहिए। लेकिन पिछली वस्तु को उसी भाव पर देनी चाहिए। यही अधिक लाभवृत्ति मूल्य वृद्धि कहलाती है। यह कारण एक नैतिक कारण है। जिससे मँहगाई बढ़ती है लेकिन इसका एक कारण सरकार द्वारा व्यापारियों पर अधिक कर लगाकर तथा अफसरशाही द्वारा व्यापारी वर्ग को परेशान कर घूस लेना भी है। आयातकत्र्ता के माल पर सीमा शुल्क इतना लगा दिया जाता है। कि वे भी वस्तुओं की किमत बढ़ाने के लिए मजबूर हो जाते है।

मँहगाई के कुछ अन्य कारण इस प्रकार है -
ऽ उत्पादन की कमी- यदि उत्पादन कम और माँग अधिक हो तो मुल्य वृद्धि होना तो स्वाभाविक है।
ऽ व्यापारियों द्वारा जमाखोरी की प्रवृत्ति- व्यापारी वस्तुओं को अवैध तरीके से जमा करता है। और बाजार में कृत्रिम अभाव उत्पन्न कर देता है। अतः भौतिकवादी मानव मजबूर होकर अधिक मूल्य पर ही वस्तुओं को खरीदता है।
ऽ काला धन- मूल्य वृद्धि का एक कारण काला धन भी है । इस धन से गलत तरीके से जमाखोरी, करों की चोरी, तथा विदेशों मे तस्करी का व्यापार हो रहा है। जिसके कारण मँहगाई बढ़ रही है।

ऽ जनसंख्या में वृद्धि- जनसंख्या वृद्धि के कारण लोगों को अधिक अन्न तथा वस्त्रादि की आवश्यकता है और सरकार इस आवश्यकता को पूरा नही कर पा रही हैै। जिससे वस्तुओं का मूल्य बढ़ता है।
ऽ दोषपूर्ण वितरण प्रणाली- देश में वितरण प्रणाली सुदृढ़ नही है । बहुत से उत्पाद तो मार्ग में या गोदामों में ही नष्ट हो जाते है जिससे उनके मूल्य में वृद्धि होती है।

ऽ भ्रष्टाचार- लोगों की भ्रष्ट नीतियों के कारण विकास योजनायें वक्त पर पूर्ण नही हो पाती है। पुलों , सड़को आदि को मिलावट के सीमेंट से बनाया जाता है, जिस कारण वे जल्दी टूट जाते है और वापस बनवाने के लिए अधिक व्यय की आवश्यकता होती है। इससे सामान की कमी हो जाती है और जिसके फलस्वरूप वस्तुओं के मूल्य में वृद्धि हो जाती है।
मूल्य वृद्धि की इस विकराल समस्या के कारणों को दूर करने के उपाय निम्न है-

ऽ जनसंख्या पर नियंत्रण- यदि जनसंख्या पर नियंत्रण पा लिया जाये तो कुछ हद तक मँहगाई पर अंकुश लगाया जा सकता है।
ऽ उत्पादन में वृद्धि - सरकार को कृषि उत्पादन तथा उद्योग-धन्धों पर बल देना चाहिए जिससे वस्तुओं की मात्रा अधिक होने पर उनकी किमते अपने आप ही कम हो जायेगी।

ऽ बहिष्कार प्रवृत्ति- उपभोक्ता मंहगी वस्तुओं का बहिष्कार करें। गृहणियाँ कम सामग्री में कार्य चलाने की कोशिश करे इससे मूूल्य वृद्धि रुकेगी।

ऽ कानून द्वारा- सरकार एवं जनता दोनो को ही जमाखोरों तथा मुनाफाखोरों के प्रति कड़ा व्यवहार अपनाना होगा। सरकार इनको उचित दण्ड दे तथा जनता द्वारा समाज में इनकी आलोचना की जाये तो मूल्य वृद्धि की समस्या का हल होगा।

हमारी सरकार मूल्य वृद्धि को रोकने के लिए भरसक प्रयास कर रही है। उद्योगो तथा कृषिे हेतु विकास योजनाएँ बना रही है। सरकार को वितरण प्रणाली में भी परिवर्तन करने होंगे।