स्टार्ट अप इण्डिया 
Startup India 

स्टार्ट अप इण्डिया कार्यक्रम प्रारंभ होने से देश के युवाओं को अपने बेहतर भविष्य के बारें में एक नई उम्मीद मिली है। 15 अगस्त, 2015 को लाल किले की प्राचीर पर खड़े होकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने स्टार्ट अप इण्डिया-स्टैण्ड अप इण्डियाका नारा दिया था।

केन्द्रीय सरकार और राज्य सरकारों के समक्ष यह एक सबसे बड़ी चुनौती है कि किस तरह से देश के युवा वर्ग को जीविका के साधन उपलब्ध करवायें जायें। कम्प्यूटरीकरण के बाद मानव शक्ति के प्रयोग में कमी आई है। लेकिन इसी से यदि युवा व्यवसाय चलायें तो वे बेरोजगार नहीं रहेंगे।
स्टार्ट अप इण्डिया कार्यक्रम उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए ही चलाया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में स्टार्ट अपको संबोधित करते हुए कहा था कि इसके जरिये दक्ष युवा रोजगार के लिए भटकने के बजाय स्वयं दूसरों को रोजगार देने वाले बन जायेंगे।

इस योजना के अन्तर्गत युवा अपना उद्योग स्थापित कर पायेंगे। अनुमानतः 2020 तक 11500 नये उद्योग स्टार्ट अपके अन्तर्गत लगाये जा चुके होंगे। 10,000 करोड़ रुपये का डेडीकेटेड फण्डस्टार्ट अप फडिंग के लिए निर्धारित किया गया है। इस योजना के तहत नये कारोबारियों को पहले 3 सालो तक आय पर कोई आयकर नही देना पड़ेगा। और न ही पहले 3 साल तक उन्हें नये उद्योगों में लेबर, पर्यावरण और अन्य नियमों की जाँच नही की जायेगी। इससे नये उद्योगपति को सरकारी आॅफिसों के चक्कर नही लगाने में अपना समय बर्बाद नहीं करना पड़ेगा। नये बैंक्रप्सी विधेयक के तहत 90 दिन की समयावधि में स्टार्ट अप बंद करने में कोई बाधा नही होगी। अटल इनोवेशन मिशन के अंतर्गत 31 इनोवेशन सेंटर, 07 नये रिसर्च पार्क और 5 बायो कलस्टर की स्थापना करने को प्रावधान है।

वर्तमान समय में उद्योगों की सफलता में अनेक प्रशानिक बाधाएँ आती है। जिनके कारण छोटे उद्यमी सफल नही हो पाते है। अतः इस योजना के द्वारा इसी प्रकार की बाधाओं को दूर करने के प्रयास किये जा रहे है।

विश्व भर में अमेरिका स्टार्ट अप के मामले में सबसे आगे है। और उसके बाद यूरोपीय देश है। इजराइल एक बहुत छोटा देश होते हुए भी स्टार्ट अप में बहुत आगे निकल चुका है। इसकी वजह है कि वहाँ आधुनिक तकनीक का बहुत प्रयोग किया जाता है।
स्टार्ट अप के लिए भारत में अभी बहुत कम निवेश हुआ है। पहले तीन वर्षों तक टैक्स तथा अन्य नियमों में छुट दिये जाने से इन्स्पैक्टर राज से काफी मुक्ति मिलेगी और निवेश की मात्रा में वृद्धि होने से नये उद्योगों की स्थापना की जा सकेगी।

इंटरनेट की पहुँच होने से छोटे शहरों और गाँवों तक स्टार्ट अप पहुँच सकेगा। इसके लिए इंटरनेट का सुलभ और सस्ता होना आवश्यक है, तभी स्टार्ट अप के अंतर्गत स्थापित कंपनियाँ दूर तक अपनी पहुँच बना पायेंगी।

स्टार्ट अप को चलाने के लिए टैक्नोलाॅजी का ज्ञान होना जरूरी है। और यह टेलैंट विश्वविद्यालयों से आता है। इसलिए वहाँ भी नवाचार लाना होगा।