विद्यालय का वार्षिकोत्सव 
Vidyalaya ka Varshik Mahotsav

विद्यार्थी जीवन में वार्षिकोत्सव बहुत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इसका उद्देश्य विद्यार्थियों में आत्म-संयम, विद्यालय की प्रगति में सहयोग देना और अभिभावकों से सम्पर्क स्थापित करना होता है। ऐसे उत्सवों के आयोजन से विद्यार्थियों का अपनी प्रतिभा, प्रदर्शन, आत्माभिव्यक्ति और दायित्व की भावनाओं को विकसित करने का अवसर मिलता है।

हमारे विद्यालयों में वार्षिकोत्सव का आयोजन प्रति वर्ष किया जाता है। इस वर्ष हमारे स्कूल की स्थापना को पचास वर्ष पूरे हो चुके थे। इसलिए इस बार के वार्षिकोत्सव को स्वर्ण जयन्तीके रूप में मनाने का निश्चय किया गया। इस आयोजन के कार्यो को सभी में बाँट दिया गया। विद्यार्थी तथा अध्यापक सभी अपने-अपने कार्यों में लग गये। विद्यालय की सफाई की गयी। तथा रंग-रोंगन भी करवाया गया। प्रत्येक कमरें को चित्रों और चार्टों से सजाया गया। शिक्षा निदेशक, शिक्षाधिकारी, अन्य विशेष लोगो को तथा अभिभावकों को निमंत्रण भेजे गए। विद्यालय प्रांगण को दरियों और कालीनों से सजाया गया। एक तरफ मंच बनाया गया। और उसके ठीक सामने मुख्य अतिथियों के बैठनें की व्यवस्था की गई। दायें-बायें विशेष लोगों और अभिभावकों के बैठने के लिए कुर्सियाँ लगाई गई ।

मुख्य अतिथि के आने पर उनका विद्यालय के बैण्ड, प्रबन्ध समिति और अध्यापकों द्वारा स्वागत किया गया। माल्यार्पण से वार्षिकोत्सव के कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। विद्यालय का प्रांगण दर्शकों से पूरा भरा हुआ था। प्राचार्य जी ने सबसे पहले विद्यालय की प्रगति पर प्रकाश डाला। इसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम शूरू किया गया। कवि गोष्ठी के बाद राखी की लाजनाटक का मंचन हुआ। इसमें रानी दुर्गावती, भीलनी और तांतार खाँ के पात्रों का अभिनय करने वालों का अभिनय वास्तव में सराहनीय था। इसके लिए दर्शकों की ओर से अनेक नकद पुरस्कार भी दिये गये। और इसके ठीक बाद संगीत का कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।
मुख्य अतिथि द्वारा पिछले वर्ष प्रथम आने वाले विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक वितरित किये गये। इसके बाद विद्यालय के सर्वश्रेष्ठ अनुशासित विद्यार्थी को पुरस्कार दिया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेने वाले विद्यार्थियों को भी पुरस्कार दिये गये। अध्यापकों को चाँदी के सिक्के भी दिये गये। प्रबन्ध महोदय ने मुख्य अतिथि से विद्यालय के बारे में दो शब्द कहने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि, ‘ये बच्चे उन पौधों की तरह है जो आगे जाकर एक विशाल वृक्ष का रूप लेंगे और समाज को स्वादिष्ट फल प्रदान करेंगे। कल ये बच्चे ही देश के कर्णधार बनेंगे।इसके बाद प्राचार्य जी ने मुख्य अतिथि तथा सभी आमंत्रित लोगांे के प्रति आभार व्यक्त किया। छात्रों में मिठाई बाँटी गई।

अंत में प्रबन्धक महोदय ने इस दिवस के लिए सभी को धन्यवाद दिया और विद्यालय के प्राचार्य तथा अध्यापकों सभी की प्रशंसा की। इस वार्षिकोत्सव के पश्चात् सभी छात्रों में नई तरह के उत्साह को संचार हुआ। सभी विद्यार्थी अध्ययन के साथ-साथ पाठ्येत्तर क्रियाओं में भी इस रूचि से भाग लेने लगे कि अगले वर्ष वार्षिकोत्सव में वे भी पुरस्कार प्राप्त कर सकें।