जल को दूध और दूध को जल में बदलना
जादूगर बड़ी सफाई से पानी को दूध में बदलकर और दूधिया जल को पुनः स्वच्छ जल में बदलकर बच्चों एवं बड़ों को हैरत में डाल देता है । इसके पीछे जो रहस्य छिपा हुआ है, वह कुछ इस प्रकार है
इस साधारण रासायनिक क्रिया में सफेद स्वच्छ चूने के पानी में मुँह की कार्बन डाइऑक्साइड गैस को मंत्र फेंकते हुए इतना मिलाते जाते हैं कि वह दधिया रंग में परिवर्तित हो जाता है; जिसे निम्न रासायनिक समीकरण से समझा जा सकता है
Ca (OH)2+CO2> (CaCo3)2+H2O
स्वच्छ चूने का पानी+ मुँह की हवा द्वारा कार्बन डाइऑक्साइड-दूधिया पानी।
अब इस दूधिया पानी में पुनः 'गिल-गिली अप्पा' या मंत्रों का उच्चारण करते हुए मुँह से कार्बन डाइऑक्साइड एक नली से बुलबुले के रूप में छोड़ते हैं, जिससे दूधिया रंग पारदर्शी स्वच्छ जल में बदल जाता है। इसे निम्न समीकरण द्वारा समझा जा सकता है
CaCO3+H2O+CO2→Ca(HCO3)2
दूधिया पानी+ मुँह की हवा-स्वच्छ पारदर्शी पानी।
इस जादू के पीछे यह रासायनिक तथ्य छिपा हुआ है-
[Ca(HCO)2]
यहाँ कैल्शियम कार्बोनेट (CaCO3) पानी में अघुलनशील होने के कारण दूधिया रंग देता है तथा बाद में कैल्शियम बाइकार्बोनेट पानी में पूर्ण घुलनशील होने के कारण स्वच्छ पारदर्शी दिखाई देता है।
स्वच्छ चूने का पानी+ मुँह की हवा द्वारा कार्बन डाइऑक्साइड-दूधिया पानी।
अब इस दूधिया पानी में पुनः 'गिल-गिली अप्पा' या मंत्रों का उच्चारण करते हुए मुँह से कार्बन डाइऑक्साइड एक नली से बुलबुले के रूप में छोड़ते हैं, जिससे दूधिया रंग पारदर्शी स्वच्छ जल में बदल जाता है। इसे निम्न समीकरण द्वारा समझा जा सकता है
CaCO3+H2O+CO2→Ca(HCO3)2
दूधिया पानी+ मुँह की हवा-स्वच्छ पारदर्शी पानी।
इस जादू के पीछे यह रासायनिक तथ्य छिपा हुआ है-
[Ca(HCO)2]
यहाँ कैल्शियम कार्बोनेट (CaCO3) पानी में अघुलनशील होने के कारण दूधिया रंग देता है तथा बाद में कैल्शियम बाइकार्बोनेट पानी में पूर्ण घुलनशील होने के कारण स्वच्छ पारदर्शी दिखाई देता है।
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