मकर
सक्रांति - खिचड़ी
Makar Sankranti - Khichdi
मकर
सक्रांति भारत का एक प्रमुख
पर्व है. यह हर साल
14 जनवरी को मनाया जाता
है. यह हिन्दुओं का
एक प्रमुख त्यौहार है
मकर
सक्रांति के दिन के
बाद ही सूर्य की
उत्तरायण गति की शुरुआत होती
है. इसी वजह से इस पर्व
को उत्तरायनी भी कहा जाता
है. मकर सक्रांति को मुख्यतः दान
के पर्व के रूप में
मनाया जाता है.
देश
के विभिन्न हिस्सों में इसे अलग अलग नामों से मनाया जाता
है. जहां बिहार में इसे खिचड़ी के नाम से
मनाया जाता है वहीँ आंध्र
प्रदेश, केरल और कर्नाटक में
इसे सिर्फ सक्रांति कहते हैं. तमिलनाडु में पोंगल तो पंजाब हरियाणा
में लोहड़ी के रूप में
मनाया जाता है तथा नयी
फसल का स्वागत किया
जाता है.
इस
दिन पतंग उड़ाने का भी महत्व
है. पूरे भारत वर्ष में मकर सक्रांति का पर्व हर्षोल्लास
से मनाया जाता है.
मकर
सक्रांति का त्यौहार हिन्दुओं
का एक प्रमुख त्यौहार
है जिसे भारत में अलग अलग राज्यों में अलग अलग नामों से मनाया जाता
है.
हर
साल 14 जनवरी को पूरे भारत
में मकर सक्रांति को अलग अलग
नामों से मनाया जाता
है. जहाँ पंजाब हरियाणा में लोहड़ी तो वहीँ केरल
तथा कर्नाटक में इसे सक्रांति के नाम से
मनाया जाता है. तमिलनाडु में इसे पोंगल तो बिहार में
इस पर्व को खिचड़ी के
नाम से मानते हैं.
मकर
सक्रांति के दिन के
बाद ही सूर्य की
उत्तरायण गति की शुरुआत होती
है. इसी वजह से इस पर्व
को उत्तरायनी भी कहा जाता
है. मकर सक्रांति को मुख्यतः दान
के पर्व के रूप में
मनाया जाता है.
इस
त्यौहार को दान तथा
स्नान का पर्व भी
कहा जाता है. इस दिन तीर्थों
तथा पवित्र नदियों में स्नान करने से पुन्य की
प्राप्ति होती है. तिल, गुड,
फल तथा खिचड़ी दान करने से भी पुन्य
की प्राप्ति होती है.
इन
सब के अलावा पतंगबाजी
का भी काफी महत्व
है. मकर सक्रांति के दिन जगह
जगह पतंगबाज़ी का आयोजन भी
किया जाता है.
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