अपने मित्र को परीक्षा में फेल होने पर सांत्वना देने हेतु पत्र लिखें।

25-रंजीत नगर,
फिरोज़पुर।
जून 25, 20.....

मेरे प्यारे सुरजीत,
सैकेंडरी कक्षा का परिणाम कल ही घोषित किया गया। मुझे पास विद्यार्थियों की सूची में तुम्हारा नाम नहीं मिला। कुछ समय के लिए तो मुझे अपनी आँखों पर विश्वास ही नहीं हुआ। किन्तु इस हार से तुम अपना हौंसला मत छोड़ना। तुम पर इसका इल्ज़ाम नहीं लगाया जा सकता।

परीक्षा किसी की काबलियत की सच्ची परख नहीं है। कई बार बुद्धिमान बच्चे पास नहीं हो पाते और मन्दबुद्धि पास हो जाते हैं। इसके अलावा तुम्हें यह पता ही है कि नकामयाबी की सीढ़ी चढ़ कर ही कामयाबी तक पहुँचा जा सकता है। तुम्हें अपनी कमजोरियों को ढूंढना चाहिए तथा उन्हें समाप्त करना चाहिए। मुझे यकीन है कि तुम अगली बार अच्छा प्रदर्शन करोगे। यह आशीर्वाद ही है जो नकामयाबी के रूप में तुम्हें प्राप्त हुआ है।
शुभकामनाओं सहित।

तुम्हारा प्यार मित्र,
मलकीत।