कम्प्यूटर का बढ़ता महत्त्व
Computer ka Badhta Mahatva
बुद्धि के देवता गणेश जी का वाहन है- चूहा और एक दूसरा चूहा (माउस) मानव-बुद्धि को विस्तार देकर स्वयं देवता बन बैठा है। यह देवता है- 'कंप्यूटर' जिसके माउस की एक क्लिक असंभव को भी संभव बना रही है। दुनिया के एक कोने में हम दूसरे कोने में बैठकर न केवल हम दूसरे कोने में बैठे व्यक्ति से तत्क्षण संपर्क स्थापित कर सकते हैं अपितु उसे देख भी सकते हैं। धरती, सागर, आकाश अंतरिक्ष संबंधी हर जानकारी एक क्लिक करते ही प्राप्त कर सकते हैं। चिकित्सा के क्षेत्र में रोगों का पता लगाने, किदर बैठे विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी में शल्य-क्रिया तक करवानी संभव करने में आज कंप्यूटर ही माध्यम बना है। कारखानों में कौन-सी मशीन कैसे और क्यों खराब हो गई है, यह तो वह बता ही देता है, साथ ही कैसे और कितने समय में ठीक हो सकती है, इसकी भी जानकारी देता है। शिक्षा के क्षेत्र में तो आज इसने क्रांति ही ला दी है। हर विषय के श्रेष्ठतम सापकों से शिक्षा ग्रहण करने के स्वप्न को इसने साकार कर दिया है। यहाँ तक कि वीडियो कान्फ्रेंसिंग' द्वारा विद्यार्थी अपनी जिज्ञासा या समस्या का समाधान भी उनसे प्राप्त कर सकता है। जहाँ-जहाँ इसका प्रयोग हो रहा है, वहाँ के पूरीक्षा परिणामों में आए सधार इसकी उपयोगिता के प्रमाण हैं। आज यह हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन चुका है, अंधों की आँखें, लँगड़ों की लाठी, बहरों के कान बन चुका है। मानव हित के लिए इसका प्रयोग हमारे उज्ज्वल भविष्य का संकेत है।
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