गरीबी: सबसे बड़ा अभिशाप
Garibi: Sabse Bada Abhishap
गरीबी-मानव-जीवन का कलंक-उन्नति में बाधक। गरीबी से मन में ऊँचे भाव नहीं जन्मते-आज़ादी, अधिकार, स्वाभिमान, स्वावलंबन, देश-प्रेम आदि गणों का जन्म नहीं होता। गरीब की सारी शक्ति रोटी, कपड़ा-मकान में लगी रहती है-वह आदर्शों, सपनों, कामनाओं में नहीं जी पाता।
गरीबी से अशांति, भ्रष्टाचार, चोरी, हिंसा का जन्म होता है। गरीबी अति भयंकर-करोड़ों लोग गरीबी की रेखा के की चाह, सुनियोजित योजनाएँ। नीचे-कारण ? जनसंख्या वृद्धि, साधनों की कमी-योजनाओं की कमी। गरीबी दूर करने के उपाय-घोर परिश्रम, संघर्ष और प्रगति |
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Dha
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