कुछ विभागों के सूचना-पटों पर अशुद्ध हिंदी लिखी मिलती है। हिंदी की इस दयनीय स्थिति की ओर ध्यान आकृ करते हुए प्रसिद्ध समाचार-पत्र के संपादक के नाम पत्र लिखिए।

अशोक भारती

534, गीता कालोनी

पटना

दिनांक : 13.7.2014

सेवा में

मुख्य संपादक

नवभारत टाईम्स

पटना

विषय : हिंदी का अशुद्ध लेखन महोदय

कृपया मेरे निम्नलिखित विचार अपने पत्र में छापने का कष्ट करें-

हिंदी हमारी राष्टभाषा है। इसके प्रति सम्मान होना और संवेदनशील होना हर भारतीय का कर्तव्य है। परंत देखने में आता है कि हमारे सरकारी विभागों में यह संवेदनशीलता नहीं दिखाई देती। प्रायः सरकारी और सार्वजनिक विभागों के सूचना-पटों पर लिखी हई हिंदी में वर्तनी की भयंकर त्रुटियाँ देखने को मिलती हैं। यहाँ तक कि मेट्रो में जो हिंदी लिखी होती है, वह भी अंटशंट होती है। दूसरी ओर, उसके साथ लिखी हुई अंग्रेजी में कोई त्रुटि नहीं होती। देशवासी यह समझने में असमर्थ हैं कि हज़ारों हिंदी अधिकारियों के होते हुए ऐसी गलतियाँ कैसे हो जाती हैं। राष्ट्रीय महत्व के स्थलों पर भी भूलें कैसे हो जाती हैं? जो अधिकारी दोषी होते हैं उन्हें दंडित क्यों नहीं किया जाता?

जब तक किसी अधिकारी की जिम्मेदारी तय नहीं की जाती और उसे सजा नहीं मिलती, तब तक राष्ट्रभाषा हिंदी का यों सरेआम अपमान होता रहेगा।

धन्यवाद !

भवदीय

अशोक भारती