अपने जन्मदिन पर मित्र / सखी को निमंत्रण पत्र 

336, सेक्टर 12 

गुड़गाँव 

12 जनवरी 2015

प्रिय गौरी,

सस्नेह नमस्ते! आशा है तुम सानंद होगी और तुम्हारी पढ़ाई अच्छी चल रही होगी। मेरा जन्मदिन तो तुम्हें याद होगा 15-जनवरी। इस बार मैंने कुछ अलग तरह से जन्म दिन मनाने का मन बनाया है याद होगा कि मेरे बारहवें जन्म दिन पर मेरी सखियों में दो नई लड़कियाँ शामिल हई थीं। पारुल और शशि। वे दोनों अनाथ ही नहीं बहुत निर्धन भी हैं। उनके मामा ऑटो-रिक्शा चालक हैं। अपन दो बच्चों के साथ इनकी पढाई का खर्च उठाना उनके लिए कठिन था। मेरे माँ-बाबू जी ने उनकी शिक्षा का उत्तरदायित्व ले रखा है। तुम्हें जानकर शायद अजीब लगे कि वे दोनों विद्यालय से घर और घर से विद्यालय जाने आने के अतिरिक्त और कहीं नहीं गई हैं। इसलिए उस दिन हमने भटकल झील पर पिकनिक मनाने का कार्यक्रम रखा है। पारुल, शशि और तुम्हारे अतिरिक्त संगीता, श्रुति, वासंती, शिखा और साक्षी को भी मैंने निमंत्रित किया है। भटकल झील में हम नौका विहार का आनंद तो लेंगे ही, माँ ने कुछ नए खेल तैयार किए हैं अभी उन्होंने मुझे भी नहीं बताया है। माँ को तो तुम जानती हो नई-नई कल्पनाएँ उन्हें सूझती रहती हैं। मैं जानती हूँ इस बार हम सब और भी ज्यादा मज़े करेंगे। तुम अपना गिटार लाना मत भूलना। तुम्हारे गिटार और शिखा के गीत के बिना महफ़िल जम ही नहीं सकती। 

माँ, बाबू जी भी हमारे साथ होंगे। आजकल मेरे मौसी, मौसाजी भी आए हुए हैं वे भी होंगे। अपनी मम्मी से कह देना कि वे तुम्हारी चिंता बिलकुल न करें। तुम सबको घर छोड़ने की ज़िम्मेदारी मेरी है। 

घर में सबको मेरा सादर प्रणाम कहना। 

प्रतीक्षा में 

तुम्हारी सखी 

नीरजा