बीमार दादा जी का कुशल-क्षेम पूछने हेतु।
7/18 जनकपुरी
नई दिल्ली
2 फ़रवरी 2014
श्रद्धेय दादा जी,
सादर चरण-स्पर्श! आशा है आप सब कुशलपूर्वक होंगे। चाचा जी के पत्र से ज्ञात हुआ कि आप नहाते हुए फिसल गए थे, यह जानकार तसल्ली हुई कि आपको बस थोड़ी चोटें आईं, कोई हड्डी नहीं टूटी। अंदरूनी चोट ठीक होने में थोड़ा समय तो लगेगा।
चाचा जी के पत्र से ही ज्ञात हुआ कि डॉक्टर ने आपको पंद्रह-बीस दिन तक पूरी तरह घर पर ही आराम करने की सलाह दी है। सुबह शाम की सैर आपको कितनी प्रिय है, यह हम जानते हैं। यह आप ही हैं जो हर विपरीत स्थिति में भी कुछ न कुछ सार्थक खोज लेते हैं। आपने प्रेसवाली के बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया है यह जानकार बहुत अच्छा लगा। आप जब हमारे पास थे तब आपने जो पढ़ाया, हम आज तक याद करते हैं।
कमरदर्द के लिए विशेष बेल्ट से आपको आराम मिलता होगा! आशा है आप हल्दी वाला दूध भी ले रहे होंगे। आपके प्रिय विषय अध्यात्म पर कुछ पुस्तकें भिजवा रही हूँ, आशा है पार्सल आपको इसी हफ़्ते मिल जाएगा।
आप शीघ्रातिशीघ्र पूर्णतः स्वस्थ हो जाएँ और पहले की तरह हमारे 'स्मार्ट और फुर्तीले जवान' बन जाएँ, प्रभु से यही कामना है।
घर में सबको यथायोग्य!
आपकी प्यारी
नम्रता
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