चाचा जी को जन्म-दिवस पर भेजे गए उपहार के प्रति कृतज्ञता एवं प्रसन्नता व्यक्त करते हुए। 

153 अनाजमंडी 

दौलतपुर 

6 मई 2014 

आदरणीय चाचा जी,

सादर प्रणाम! यहाँ सब कुशलमंगल है आशा है आप सब भी सकुशल होंगे। जन्म-दिन पर आपका उपहार पाकर मन प्रसन्नता से झूम उठा। आपने मेरी रुचि को ध्यान में रखते हुए शास्त्रीय संगीत की जो सी०डी० भेजी हैं वे मेरे लिए अमूल्य हैं। भीमसेन जोशी और कुमार गंधर्व मेरे प्रिय गायक हैं। दौलतपुर जैसे छोटे से कस्बे में शास्त्रीय संगीत की सी०डी० मिलना संभव नहीं, यह बात आपने ध्यान में रखी। सचमुच मैं कृतज्ञ हूँ, गद्गद् हूँ। इस बार जन्म-दिन पर मुंबई वाली दीदी ने मुझे सी०डी० प्लेयर उपहार में दिया; इसे मैं अद्भुत संयोग ही मानूँगा। आपके उपहार ने 'सोने पे सुहागा' कहावत चरितार्थ कर दी। मेरे श्रद्धेय गुरुजी अब सत्तर वर्ष के हो चुके हैं, उनके लिए गा कर सिखा पाना कठिन होता जा रहा है। अब सी०डी० सुनकर मैं गायन की बारीकियों को समझ पाऊँगा। मैं हृदय से आपका आभारी हूँ। पुनः पुनः धन्यवाद! 

यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे आप जैसे स्नेही की छत्रछाया में आगे बढ़ने का सुअवसर मिला है। पूजनीय चाचीजी के स्नेहाशीष के प्रति भी आभारी हूँ, उन्हें मेरा सादर चरण-स्पर्श! 

आपका कृपाकांक्षी 

शैलेश