पिताजी को पैसे भेजने का निवेदन करते हुए। 

277 विकासपुरी 

नई दिल्ली 

20 फ़रवरी 2015 

आदरणीय बापू, 


सादर चरण स्पर्श! मैं यहाँ कुशल-पूर्वक हूँ, आशा है आप सब भी कुशलपूर्वक होंगे। यहाँ चाचा जी और चाची जी मेरा पूरा ध्यान रखते हैं। मेरी पढ़ाई भी अच्छी चल रही है। अब मार्च में मेरी परीक्षाएँ प्रारंभ होने वाली हैं, तब मुझे घड़ी की आवश्यकता होगी। यूँ तो चाचा जी परीक्षाओं के लिए घड़ी दे देंगे, लेकिन उनसे माँगना मुझे उचित नहीं लगता। पंद्रह बीस दिन बिना घड़ी के उन्हें असुविधा होगी। एक साधारण घड़ी 400-450/- की मिल जाएगी। भविष्य में भी काम आएगी। 25 फरवरी को दीनू के पिताजी दिल्ली आ रहे हैं। आप उनके हाथ मुझे रुपए भिजवा दीजिए। दीनू मुझे स्कूल में दे देगा। 

माँ का स्वास्थ्य अब कैसा है? उन्हें मेरा सादर प्रणाम और चरण-स्पर्श कहिएगा। आशा है रूपा भी मन लगाकर परीक्षा की तैयारी कर रही होगी। उसे मेरा ढेर सारा प्यार। 

आपका आज्ञाकारी बेटा 

मनीष