सहशिक्षा 
Sahshiksha

सहशिक्षा का अर्थ लड़के और लड़कियों का एक साथ पढ़ना है। कुछ विद्वानों का मत है कि दोनों के साथ-साथ पढ़ने से उनमें स्पर्धा आती है और पढ़ाई में रुचि जगती है। लेकिन कुछ विद्वानों का कहना है कि भारत में जलवायु के अनुकूल नारी और नर के शरीर का विकास होता है। यहाँ लड़की शीघ्र ही यौवन को प्राप्त करती है। इसलिए सहशिक्षा उचित नहीं है। यही नहीं विद्वानों के अनुसार भारत में सामाजिक एवं धार्मिक दृष्टि से लड़के और लड़कियों को साथ नहीं पढ़ाना चाहिए क्योंकि वे किसी भी नैतिक अपराध में फंस सकते हैं। इससे बचने के लिए यह आवश्यक है कि लड़के-लड़कियों के स्कूल अलग-अलग हों। कुछ व्यक्तियों का यह मत है कि ग्यारह वर्ष से लेकर सत्रह वर्ष तक की आय में लड़के और लड़कियों को दूर-दूर रखना चाहिए क्योंकि यह किशोरावस्था नादानी की अवस्था होती है। इसके बाद ही दोनों में विवेक शक्ति का प्रसार होता है और अपना भला-बुरा सोचने की शक्ति आती है। यह सोच किसी हद तक सही है क्योंकि यही मार्ग हितकर और उपयोगी दिखाई देता है।