विद्यालय में पेय जल की समुचित व्यवस्था हेतु।
सेवा में,
प्रधानाचार्य
भारतीय विद्या भवन
ज्ञानवापी
वाराणसी
विषय : विद्यालय में पीने के पानी की समुचित व्यवस्था हेतु।
महोदय,
नम्र निवेदन है कि विद्यालय के हम सभी विद्यार्थी पेय-जल की विकट समस्या की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं। हर वर्ष की भाँति इस वर्ष भी सत्र के प्रारंभ से ही विद्यालय में पानी का संकट प्रारंभ हो गया। डेढ़ हजार विद्यार्थियों वाले हमारे विद्यालय में मात्र दो छोटी पानी की टंकियाँ हैं। ज्ञात हुआ है पानी सुबह 5 से 6 बजे तक ही आता है, जिसे मोटर द्वारा टंकियों में भरा जाता है। कभी चपरासी सोता रह जाता है तो कभी मोटर खराब हो जाती है। ऐसी स्थिति में हमें मैदान में लगे हैंडपंप का पानी पीना पड़ता है, जिसका जल खारा और गंदला होता है। आधी छुट्टी के समय वहाँ एक अनार सौ बीमार' वाली हालत हो जाती है। इतनी धक्कमपेल होती है कि अक्सर छोटे बच्चे कुचल जाते हैं या प्यासे रह जाते हैं।
विद्यालय की टंकियों में पानी पर्याप्त नहीं होता। आधी छुट्टी के बाद तो हम एक बूंद पानी को भी तरस जाते हैं। भीषण गरमी के दिनों में प्यासे रहकर कक्षा में ध्यान लगाकर पढ़ाई कर सकना असंभव हो जाता है।
पेय-जल की समस्या का एक विकराल रूप पिछले महीने सामने आया, जिसकी जानकारी निश्चय ही आपको होगी। वर्षों से टंकियों की सफ़ाई न होने से पानी में कीड़े हो गए थे। ऐसा पानी पीकर कुछ बच्चे पीलिया के शिकार भी हो गए थे।
आपसे विनम्र अनुरोध है कि आप टंकियों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ उनकी नियमित सफाई आदि की भी उचित व्यवस्था। करवाएँ। गरमियों में टंकी का उबलता पानी पीना कठिन होता है, कलर नहीं तो कम से कम बड़े बड़े घड़ों की ही व्यवस्था करवा दें। जल है तो जीवन है। हमें आशा है कि आप शीघ्रातिशीघ्र पेय जल की समुचित व्यवस्था करके हम सब विद्याथिया की जीवन रक्षा करेंगे।
धन्यवाद
आपका आज्ञाकारी छात्र
अनुराग
अध्यक्ष, विद्यालय परिषद
दिनांक : 20.4.20....
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