शहर में पार्किंग की समस्या के संबंध में समाचार-पत्र के संपादक को पत्र

प्रेषक 

श्रेया सहाय 

2824, गली हनुमंत सहाय 

दिल्ली 

दिनांक 11 मार्च, 2014 

प्रतिष्ठा में 

संपादक 

नवभारत टाइम्स 

बहादुरशाह ज़फ़र मार्ग दिल्ली 

विषय- 'रीडर्स मेल' स्तंभ में पार्किंग की समस्या हेतु विचार। 

महोदय, 

दिल्ली में बढ़ती पार्किंग की समस्या संबंधी मेरा पत्र अपने समाचार-पत्र के रीडर्स मेल' स्तंभ में छापने की कृपा करें। 

धन्यवाद 

भवदीया 

श्रेया सहाय 

संलग्न : प्रकाशन हेतु विचार


कहाँ रखें गाड़ी? 

देश की राजधानी होते हुए भी कानून व्यवस्था की दृष्टि से दिल्ली किसी पिछड़े कस्बे जैसी स्थिति में है। जिस समस्या की दिल्ली सरकार ने पूर्ण उपेक्षा की है वह है पार्किंग की समस्या। दिल्ली की सड़कों और बाजारों में पार्किंग की सुविधा अपर्याप्त है। विशेषत: लाजपत नगर, सरोजनी नगर, करोल बाग जैसे बाजारों में शाम को खरीदारी करने जाना असंभव सा होता जा रहा है। कितनी बार ऐसा हआ है कि पार्किंग का स्थान न मिल पाने के कारण हमें वापस घर लौट जाना पड़ा है। स्वाभाविक है कि जब मांग पूर्ति से अधिक होती है तब गैरकानूनी तरीके पनपने लगते हैं। अनधिकृत पार्किंग में लोगों से मनमानी रकम वसूल की जाती है। पार्किंग में गाडियों से पेटोल चोरी हो जाने की घटनाएँ भी आम बात है। जनता त्राहि-त्राहि कर रही है किंतु सरकार कान में तेल डाले बैठी है। पार्किंग की सव्यवस्था के लिए क्या हम सब दिल्लीवासियों को हल्ला बोलना होगा? जागो, सरकार जागो।

- श्रेया सहाय