दिल्ली : भारत की राजधानी 
Delhi - Bharat ki Rajdhani


दिल्ली भारत की राजधानी है। इसके पुराने नाम हैंइन्द्रप्रस्थ, तुगलकाबाद आदि। यह बहुत पुरानी नगरी है, जो कई बार उजड़ी और कई बार बसी है। पहले पाण्डव यहाँ के शासक थे। फिर चौहान वंश के राजा पृथ्वीराज ने यहाँ राज्य किया। फिर पठान शासकों का राज्य रहा। उनके बनाये किले, कुतुबमीनार, मकबरे आदि अब भी उनकी याद दिलाते हैं।


मुगलकाल में दिल्ली की बहुत उन्नति हुई। अकबर के पोते और जहाँगीर के पुत्र शाहजहाँ ने यहाँ जामा मस्जिद और लालकिले का निर्माण कराया। ये आज भी ज्यों-के-त्यों खड़े हैं, जैसे अभी-अभी बनाए गये हों। दिल्ली में देखने योग्य स्थान बहुत हैं। पुराना किला, कुतुबमीमार, लालकिला, गौरीशंकर मन्दिर, गुरुद्वारा सीसगंज, लक्ष्मी नारायण मन्दिर (बिरला मन्दिर) आदि देखने ही योग्य है , इनके अतिरिक्त चिड़ियाघर, अजायबघर, जन्तर-मन्तर आदि भी देखने योग्य हैं। बागों में रोशनारा बाग, कम्पनी बाग, ताल कटोरा गार्डन, लोदी बाग, बुद्ध विहार (बुद्धा गार्डन) आदि भी दर्शनीय हैं। __चाँदनी चौक, खारी बावली, कनॉट प्लेस, राजेन्द्र प्लेस, नेहरू प्लेस, करोल बाग, सदर बाजार आदि यहाँ के मुख्य बाजार हैं। यहाँ स्वतन्त्रता (१९४७) के बाद बीसियों नयी बस्तियाँ बसाई गई हैं जैसे राजेन्द्र नगर, पटेल नगर, मोती नगर, कीर्तिनगर, रमेशनगर, राजोरी गार्डन, तिलक नगर, मालवीय नगर, वसन्त विहार, सुन्दर नगर, किदवई नगर आदि-आदि। जनकपुरी यहाँ की नयी और सबसे बड़ी बस्ती नयी दिल्ली अंग्रेजों के राज्य में बनी थी। केन्द्रीय सचिवालय, संसद् भवन तथा राष्ट्रपति भवन नयी दिल्ली में ही हैं। नयी दिल्ली में अनेक भवन कई-कई मंजिलों के हैं, जो देखते ही बनते हैं। दिल्ली रेलों का, व्यापार का और शिक्षा का बहुत बड़ा केन्द्र है। दिल्ली संसार के सबसे बड़े जनतन्त्र भारत की राजधानी है।