ईद का त्योहार 
Eid ka Tyohar


ईद मुसलमानों का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण पर्व है। जिस प्रकार होली हिंदुओं के लिए मौज-मस्ती का त्योहार है उसी प्रकार मुसलमानों के लिए ईद का त्योहार है। ईद शब्द का अर्थ होता है-सामाजिक स्थिति परिवर्तन । मुसलमानों का महीना हमारे चैत-बैसाख या अंग्रेजी की जनवरी फरवरी से भिन्न होता है। वे चंद्रमास मनाते हैं। उनके बारह महीने में एक महीने का नाम है 'रमजान' का महीना। रमजान का महीना बड़ा ही पवित्र माना गया है। पूरे एक महीना मुसलमान उपवास अर्थात रोजा रखते हैं। जब रमजान महीने में तीस दिनों का उपवास पूरा कर लिया जाता है तब उसके अगले दिन चाँद देखने के बाद ईद का त्योहार मनाया जाता है। इसे ईद-उल-फ़ित्र भी कहते हैं।


ईद के दिन दोपहर के पहले लोग शहर के बाहर ईदगाह में जाते हैं। इस अवसर पर ईदगाह में मेला भी लगता है। मस्जिदों में नमाज भी पढ़ने की प्रथा है। बच्चे, बूढ़े और जवान सभी रंग-बिरंगे नए कपड़े पहनकर उत्साह के साथ वहाँ पहुँचते हैं और नमाज अदा करते हैं। वहाँ पर खुतबा अर्थात प्रवचन होता है। बाद में सभी लोग ईदगाह में एक जगह एकत्र होकर आपस में गले मिलते हैं।


ईद के दिन लोग अपने मित्रों, संबंधियों एवं पड़ोसियों को दावत देते है। जो भी जिससे मिलता है उसे 'ईद-मुबारक' कहकर एक दूसरे को मुबारकबाद देते हैं। सेंवई उस दिन का मुख्य पकवान होता है। घर आए मेहमानों को सेवई से मुँह मीठा कराया जाता

है तथा वस्त्रों पर इत्र लगाया जाता है। देर रात तक चहल-पहल रहती है। ईद प्रतिवर्ष आकर खुशियों की बहार लुटा जाती है। यह मुसलमानों का खुशी का पर्व है।


'मुबारक ईद का दिन और खुशी की सारी तमहीदें,

तुम रहो सलामत, और मनाओ सैकड़ों ईदें।