अपना घर है सबसे प्यारा 
Apna Ghar hai Sabse Pyara

यह कहावत हमें घर की महत्त्वता समझाती है। घर व्यक्ति के जीवन की मुख्य जरूरतों में से एक है। जो आराम एक व्यक्ति को अपने घर में मिलता है वह उसे विश्व के किसी दसरे स्थान पर नहीं मिलता। जब भी कोई कहीं जाता है, अन्त में उसे अपने घर ही लौटना होता है। जब कोई अपने घर से दूर हो तो उसे अपने घर की याद बहुत सताती है। घर केवल हों की चार दीवारों से नहीं बना होता, यह इससे अधिक होता है। यह उस घर में रह रहे लोगों के प्रेम, समझ तथा आपसी मेल-जोल से बनता है। घर व्यक्ति को एक-दूसरे के प्रति जड़ाव का एहसास करवाता है। व्यक्ति केवल अपने घर में ही कोई भी कार्य किसी भी प्रकार से करने की स्वतंत्रता प्राप्त कर सकता है। अपने घर में व्यक्ति जैसे चाहे चल सकता है, सो सकता है, कार्य कर सकता है, उस पर रोक लगाने वाला कोई नहीं होता।

चाहे कुछ भी कहो, घर व्यक्ति के लिए धरती पर किसी स्वर्ग से कम नहीं है। व्यक्ति का दिल सदा ही अपने प्यारे घर में जाने की इच्छा रखता है।