कलम की ताकत तलवार से अधिक होती है
Kalam ki Takat Talwar se Adhik Hoti Hai

कलम में लिखने की ताकत होती है तथा तलवार में बल। एक समय था जब बूट की सेनाएं सब कुछ नष्ट कर रही थीं। तलवार की ताकत का सामना करने की हिम्मत किसी में नहीं थी। जिसका परिणाम था मृत्यु तथा तबाही। लोग डरे हुए थे। तलवार की ताकत ने लोगों में डर भर दिया था। धीरे-धीरे समय बदला। जब कलम का आविष्कार हुआ तो उसने तलवार की उस ताकत को पीछे छोड़ दिया। बहुत लोगों ने लिखना शुरू किया। फलस्वरूप कई पुस्तकें लिखी गईं। किताबों ने लोगों के जीवन को बदल दिया। आज एक लेखक अपने कलम की ताकत से पूरे देश में हलचल मचा सकता है। उसके लेख तेजी से कार्य करते हैं। कलम शांति फैलाने में भी सहायता करती है। तलवार डर तथा अशांति पैदा करती है लेकिन कलम एक पल में उस पर रोक लगा सकती है। शांति तलवार द्वारा नहीं केवल कलम द्वारा ही पैदा की जा सकती है। कलम द्वारा प्राप्त की गई जीत का असर देर तक रहता है। कालीदास तथा शेक्सपीअर जैसे व्यक्ति हिटलर तथा नेपोलियन से अधिक महत्त्वपूर्ण हैं। इस प्रकार कलम तलवार से अधिक ताकतवर होती है।