थाली के बैंगन का कोई महत्त्व नहीं 
Thali ke Bengan ka Koi Mahatva nahi

यह कहावत हमें अधिक तेजी का सबक सिखाती है। हमें अपने विचारों तथा आदर्शों पर टिके रहना चाहिए तथा उन्हें समय-समय पर बदलना नहीं चाहिए। थाली का बैंगन जो लुढ़कता रहता है उसका कोई महत्त्व नहीं होता। यदि एक व्यक्ति जीवन में बार-बार अपना स्थान बदलता रहे तो वह अधिक कुछ भी प्राप्त नहीं कर सकता। व्यक्ति के जीवन में एक स्थिर उद्देश्य होना चाहिए। उसे वह प्राप्त करने के लिए गंभीर होना चाहिए। दिशा भटकने से नुकसान होता है। बार-बार अपना गंतव्य बदलने से समय तथा पैसे की बरबादी होती है। कोई भी कार्य करने से पहले उसे पूर्ण रूप से जांच लेना चाहिए। यदि एक बार कोई कार्य शुरू कर दिया तो उसे पूरी मेहनत तथा हृदय से करना चाहिए। एक प्रकार की सोच रखने से ही व्यक्ति अपने जीवन में किसी उद्देश्य तथा किसी स्थान को प्राप्त कर सकता है। इसलिए थाली के बैंगन का कोई महत्त्व नहीं।