परिश्रम का महत्त्व
Parishram ka Mahatva
कोई भी कार्य छोटा या बड़ा नहीं होता। सभी जीवन जीने के लिए कमाते हैं। यदि कोई व्यापारी है तो कोई नौकरी करता है। यदि कोई वकील है तो कोई डॉक्टर है। एक मजदूर या खेतों में काम करता है या सड़क के किनारे। चाहे उनका यह कार्य बहुत सख्त है किन्तु यहीं उनका सम्मान है। जो लोग अमीरी में पैदा होते हैं तथा बड़े होते हैं आसान कार्य करना पसन्द करते हैं। मेहनत करना वे समझते हैं कि आम आदमी का काम है। वे यह भूल जाते हैं कि आम-आदमी द्वारा किया गया कार्य अधिक महत्त्वपूर्ण होता है। एक मजदूर, किसान, सफाई कर्मचारी तथा फैक्टरी के कर्मचारी समाज की रीढ़ की हड्डी हैं। यही लोग हैं जो हमें खाना, रहने के लिए घर तथा पहनने के लिए कपड़े प्रदान करते हैं। समाज के इस वर्ग द्वारा किए गए कार्य की भरपाई कोई नहीं कर सकता। उनको कभी इस कार्य के लिए छोटा नहीं महसूस करवाना चाहिए। अन्यथा वे अपने कार्य को करना पसन्द नहीं करते। जो लोग परिश्रम का कार्य करते हैं, उन्हें यह महसूस करवाना चाहिए कि उनका कार्य भी सम्मान वाला है। यह उनके परिश्रम पर ही निर्भर करता है कि दुनिया के लोगों का जीवन कैसा होगा।
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