समाज सेवा 
Samaj Sewa

यह बिल्कुल सही कहा गया है कि मानवता की सेवा ही ईश्वर की सेवा है। यह हर व्यक्ति का कर्तव्य है कि वह जरूरतमन्द, गरीब तथा निचले वर्ग के लोगों की सहायता करें। हमें मतलबी नहीं होना चाहिए। हमें अपने आस-पास के लोगों के कल्याण की चिन्ता करनी चाहिए। हमारी समृद्धि का कोई लाभ नहीं यदि हमारे आस-पास के लोग दयनीय जीवन व्यतीत कर रहे हों। हम सभी प्राकृतिक संसाधनों के बराबर के हकदार हैं। जो लोग अमीर हैं उन्हें भूखों को खाना, नंगों को कपड़े तथा बेघरों को छत प्रदान करनी चाहिए। जो बीमार या अपाहिज हैं उनकी जरूरतें पूरी करनी चाहिए। कुछ लोग अधिक गरीबी के कारण अपराध करने शुरू कर देते हैं। कुछ लोगों के पास इलाज के पैसे नहीं होते और वे मर जाते हैं। हमें इस प्रकार के लोगों की सहायता करनी चाहिए। समाज सेवा करते समय हमें संकीर्ण सोच नहीं रखनी चाहिए। सभी को एक समान सेवा करनी चाहिए। समाज सेवा करते समय किसी के मन में किसी प्रकार का मतलब नहीं होना चाहिए।