पुस्तक प्रदर्शनी
Pustak Pradarshani
पिछले महीने में एक पुस्तक प्रदर्शनी में गया। यह प्रगति मैदान में आयोजित की गई थी। यह राष्ट्रीय पुस्तक ट्रस्ट द्वारा लगवाई गई थी। मैं अपने मित्रों के साथ वहां गया था। वहां विभिन्न प्रकाशन घरों द्वारा प्रदर्शनियां लगवाई गई थीं। देश के अलग-अलग हिस्सों से लोग यहां एकत्रित हुए थे। अनेक प्रकार की पुस्तकें देखना एक बहुत ही अच्छा अनुभव था। यहां पर बच्चों से संबन्धित, विभिन्न विषयों से, भाषाओं से तथा साहित्य से सम्बन्धित पुस्तकें थीं। कानून, अर्थव्यवस्था एवं प्रबन्धन तथा आयुर्विज्ञान की पुस्तकें उपलब्ध थीं। यह प्रदर्शनीऔरतों, मर्दो तथा बच्चों के आकर्षण का केन्द्र थीं। हमें सब से अधिक पसन्द बैठने का प्रबन्ध आया। मैंने आम पढ़ने के लिए कई पुस्तकें खरीदी। इस सब के बाद हमने कॉफी पी। जैसे ही घड़ी में सात बजे मैं वापिस घर लौट गया। प्रदर्शनी का यह अनुभव बहुत ही लाभदायक तथा मनोरंजक था। मैं तो यह चाहता हूँ कि लोगों के लिए अधिक से अधिक पुस्तक प्रदर्शनियां लगती रहनी चाहिए।
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